देश की संविधान सम्मत सभी भाषाओं के उन्नयन एवं विकास के लिए समर्पित वैश्विक संस्था अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति जो अभी तक ग्वालियर, दिल्ली, गुवाहाटी, कश्मीर, अंडमान निकोबार, मसूरी, भोपाल, शिमला, शिरडी, बैंगलुरु,गोवा, बद्रीनाथ, खरगोन, मुंबई तथा पटना में राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित कर चुकी है। उसका सोलहवां राष्ट्रीय अधिवेशन आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया। 18 से 20 जून को आयोजित इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में स्थानीय साहित्यकार तथा सेवानिवृत्त आचार्य डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी को संस्कृति समन्वय सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ विश्व विख्यात समाज वैज्ञानिक, सुलभ आंदोलन के जनक पद्मभूषण डॉक्टर विन्देश्वर पाठक ने किया। स्वच्छता और पर्यावरण को समर्पित इस महाधिवेशन के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध पत्रकार महेश बंसल थे तथा अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय चिंतक कवि-पत्रकार प्रज्ञान पुरुष पंडित सुरेश नीरव ने की। इस राष्ट्रीय महत्व के अधिवेशन में गुजरात से पत्रकार तथा साहित्यकार प्रदीप जोशी, डॉक्टर राखी कटियार, कर्नाटक बैंगलुरु से दर्शन बेज़ार, महाराष्ट्र मुंबई से ऋचा सिन्हा, राजस्थान से डॉक्टर मधु मुकुल चतुर्वेदी, मध्यप्रदेश दमोह से डॉक्टर प्रेम लता नीलम, नागदा से दिनेश दवे, हरियाणा गुरु ग्राम से राजेन्द्र निगम, इंदु राज निगम छत्तीसगढ़, बिलासपुर से डॉक्टर बृजेश सिंह, दुर्ग से रमाकांत छत्रसाल वडरिया, उत्तर प्रदेश से डॉक्टर मधु चतुर्वेदी (गजरौला), डॉक्टर एल.बी. तिवारी अक्स (प्रतापगढ़), डॉक्टर कल्पना पांडेय (गौतम बुद्धनगर), मधु मिश्रा (ग़ाज़ियाबाद) तथा भारत की राजधानी दिल्ली से सविता चड्ढा, अरुण कुमार पासवान, राजेंद्र निगम, इंदु राज निगम और ब्रह्मदेव शर्मा के अतिरिक्त अन्य अनेक महत्वपूर्ण रचनाकार सम्मिलित हुए।
अधिवेशन में पुस्तक प्रदर्शनी, स्वच्छता और पर्यावरण विषय पर विचार संगोष्ठी, अधिवेशन में शामिल रचनाकारों की प्रमुख पुस्तकों का लोकार्पण, साहित्यिक अवदान के लिए रचनाकारों के सम्मान- अलंकरण समारोह के साथ ही राष्ट्रीय संदर्भों को समर्पित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति इसी प्रकार के राष्ट्रीय अधिवेशन समय-समय पर करती रहती है। समिति के ये प्रयास निश्चित ही राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।