कर्नाटक: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कर्नाटक में आज एक ट्रस्ट के शैक्षणिक संस्थानों पर छा*पेमारी की है। ये ट्रस्ट कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर चलाते हैं। यह ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज चलाता है। ईडी के दो दर्जन से अधिक अधिकारी बुधवार सुबह करीब 9 बजे बेंगलुरु से 70 किलोमीटर दूर तुमकूरु में श्री सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के परिसर पहुंचे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह छा*पेमारी कुछ साल पहले हुई आयकर छा*पेमारी का फॉलो-अप है या केंद्रीय एजेंसी ने हाल के महीनों में कोई दूसरा मनी ट्रेल खोजा है।
आयकर अधिकारियों ने तब तुमकूरु परिसर से साढ़े चार करोड़ रुपये और जी परमेश्वर के आवास से 70 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी। तब जी. परमेश्वर ने कहा था कि कॉलेज से जब्त की गई नकदी एक किसान से जमीन खरीदने के लिए थी। बुधवार की छा*पेमारी के कारणों का पता प्रवर्तन निदेशालय की ओर से औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति आने के बाद चलेगा। वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ईडी की इस छा*पेमारी के लिए बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
सुरजेवाला ने एक्स पर पोस्ट किया है कि अनुसूचित जाति के बड़े नेताओं में से एक और कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के शैक्षणिक संस्थानों पर ईडी की छा*पेमारी, कल होसपेट में एक लाख एससी-एसटी परिवारों को जमीन का मालिकाना हक देने पर बीजेपी और मोदी सरकार की हताशा भरी प्रतिक्रिया है। बता दें कि कल कर्नाटक के होसपेट शहर में ‘समर्पण संकल्प रैली’ का आयोजन किया गया था।
इस दौरान एक लाख से अधिक भूमिहीन परिवारों को भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र बांटे गए थे। सुरजेवाला ने अपने पोस्ट में बताया कि तुमकूरु में शैक्षिक विकास के लिए सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना 1979 में और सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1988 में हुई थी। सुरजेवाला ने आगे लिखा है कि यह वाकई हैरान करने वाली बात है कि इस संस्था की स्थापना के 46 साल बाद मोदी सरकार इसमें गलत कामों की तलाश कर रही है, जबकि बीजेपी के भ्रष्टाचार की जांच (कर्नाटक का) गृह मंत्रालय और डॉ. जी. परमेश्वर कर रहे हैं। ईडी के छापे पिछली बीजेपी सरकारों के भ्रष्टाचार को छिपाने और शोषितों की आवाज उठाने वालों की आवाज दबाने की एक हताशा भरी कोशिश लगती है।