जयपुर:- मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा है कि पंचायती राज विभाग आमजन के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला विभाग है। ऐसे में यह जरुरी है कि विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रदेश की अधिक से अधिक जनता तक पहुंच सके। उन्होंने निर्देश दिए है कि पंचायत संस्थाओं के कार्यों और गतिविधियों की पोर्टल के माध्यम से प्रभावी मॉनिटरिंग करें और विभाग की अधिक से अधिक जानकारी और सूचनाएं पोर्टल पर समय-समय पर अपडेट करें।
उन्होंने कहा कि अन्नपूर्णा योजना के माध्यम से प्रदेश के जरूरतमंद एवं गरीब तबके के लोगों को राज्य सरकार रियायती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने निर्देश दिए है कि श्री अन्नपूर्णा योजना (ग्रामीण) के तहत संचालित रसोइयों का अधिकारी नियमित रूप से निरिक्षण करें, ताकि भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत परोसी जाने वाली थाली में श्रीअन्न (मिलेट्स) को जोड़कर भोजन को स्थानीय लोगों की जरूरतों के अनुरूप किया गया है।
मुख्य सचिव सुधांश पंत सोमवार को शासन सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए है कि प्रदेश में जल संग्रहण के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0’ के अंतर्गत होने वाले कार्यों को निर्धारित समय में क्रियान्वित किया जाए। पंत ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत जनप्रतिनिधि एवं विभागीय कर्मचारी-अधिकारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण को ऑनलाइन भी किया जाए एवं मिशन कर्मयोगी के iGOT प्लेटफार्म के कोर्स मॉडयूल में अधिकाधिक नामांकन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सरकार की सुशासन की नीति की पालना में अधिकारी अपने ई-फाइलिंग के औसत निस्तारण समय में और सुधार करें। पंत ने स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि योजना के कार्यों का मासिक लक्ष्य बनाकर पूरा किया जाए और इसी आधार पर योजना की मॉनिटरिंग भी की जाए। मुख्य सचिव ने बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 की प्रगति की जानकारी ली और कहा कि हमें अपने आस पास हो रहे नवाचारों से प्रेरणा लेकर उन्हें अपनाने को हमेशा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने विभागीय भर्ती प्रकिया एवं डीपीसी स्टेटस के बारे में भी जानकारी ली।
पंत ने विभाग के विधानसभा में लंबित प्रकरणों के साथ ही संपर्क पोर्टल पर शिकायतों एवं ‘की परफॉरमेंस इंडीकेटर्स’ सहित अन्य विषयों की समीक्षा की। उन्होंने वर्तमान समय में डिजिटलीकरण की मांग को देखते हुए ई-पंचायत मॉडयूल में कार्यों के विवरण के अतिरिक्त पंचायत बैठकें, सभाएं एवं निरीक्षण जानकारी जैसी जरुरी सूचनाओं को भी अपडेट करने का सुझाव दिया, जिससे विभाग की सभी महत्वपूर्ण जानकारी एक सिंगल क्लिक पर उपलब्ध हो सकें।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज अभय कुमार, शासन सचिव एवं आयुक्त, पंचायती राज रवि जैन, शासन सचिव, ग्रामीण विकास आशुतोष एवं आयुक्त, ईजीएस टीना डाबी सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।