देश के सभी श्रम संगठनों, ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक फेडरेशनों सहित बैंक, बीमा, रक्षा, बीएसएनएल, रेलवे सहित सभी सार्वजनिक संस्थानों, राज्य एवं केंद्रीय अखिल भारतीय राज कर्मचारी संयुक्त महासंघ के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर केंद्र सरकार की मजदूर, किसान, श्रमिक तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में दो दिवसीय हड़ताल का अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने समर्थन किया। जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ जिला सवाई माधोपुर के जिला मंत्री हनुमान सिंह नरूका ने बताया कि केंद्रीय श्रम संगठनों, कर्मचारी संगठनों के साथ द्विपक्षीय/त्रिपक्षीय संवाद की परंपरा की अनदेखी करके आर्थिक नीतियों को अपनाकर बाजार व्यवस्था को बढ़ाया देने के लिए देश में श्रम कानूनों एवं कृषि क्षेत्र के कानूनों में संशोधन कर मजदूर, किसान, श्रमिक व कर्मचारी विरोधी कानून पारित किए है।
जिससे देशभर के कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है। देश का कर्मचारी संगठन पी.एफ.आर.डी. बिल को वापस कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली की मांग कर रहा है। आज के प्रस्तुत मांग-पत्र में मुख्य मांगे जिनमें नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने, संविदा पर नियुक्ति एवं ठेका प्रथा पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण पर रोक लगाने, स्थानांतरण नीति लागू करने, न्यूनतम वेतन 21000 लागू करने, ठेका, संविदा कर्मियों को नियमित काम के लिए स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान, भविष्य निधि पेंशन योजनाओं में आवश्यक सुधार करने सहित 14 सूत्रीय मांग पत्र माननीय प्रधानमंत्री के नाम सौंपा।
आज के इस विरोध प्रदर्शन में लड्डू लाल लोधा पूर्व जिलाध्यक्ष, पंचम भाटी पूर्व जिला मंत्री, अशोक पाठक पुर जिला संयोजक, गोपाल माली वन श्रमिक संघ, नीरज मीणा पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ और हरिशंकर गुर्जर जिला संरक्षक सहित अनेक कर्मचारी नेताओं ने भाग लिया।