असम: असम में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार इस समय राज्य के 22 जिलों में 1254 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान श्रीभूमि (पहले करीमगंज), कछार, हैलाकांडी, लखीमपुर और नगांव जिले में हुआ है। आपदा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बीते 24 घंटों में बाढ़ में डूबने से दो और लोगों की मौ*त हुई है। इस तरह पिछले चार दिनों में राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से मर*ने वालों की संख्या 12 हो गई है।
राज्य में बाढ़ की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की और स्थिति का जायजा लिया। पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मुझे असम में मौजूदा बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया। बाढ़ की मौजूदा स्थिति को लेकर आपदा विभाग की तरफ से 2 जून की देर शाम जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में इस समय दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए है।
जबकि ऐसे करीब 32 हजार लोग है जिनका घर-बार पूरी तरह पानी में डूब गया है। इन लोगों के लिए प्रशासन ने अलग-अलग जगह 322 राहत शिविर स्थापित किए है। जोरहाट के निमातीघाट समेत तेजपुर, गोलाघाट में ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कई जगह नदी तटबंध टूट जाने से दर्जनों गांव का संपर्क टूट गया है। गोलाघाट जिले के भीमपारा गांव के अरुण ने बीबीसी से कहा कि पिछले तीन दिनों से हमारा गांव बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है, लेकिन अभी तक हमारी मदद के लिए कोई नहीं आया है।
हम अपने छोटे बच्चों के साथ फिलहाल घर में ही एक ऊंची जगह बनाकर रुके हुए है लेकिन अगर पानी ज्यादा बढ़ा तो हमें यहां से भागना पड़ेगा। पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश के भारत के कई उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई हैं।
असम के अलावा सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं, जहां अब तक कई लोगों की मौ*त हुई है। सड़कें बह गई हैं और घर ध्वस्त हो गए है। विस्थापित हुए लोगों के लिए कई राहत शिविर खोले गए हैं। मिजोरम की राजधानी आइजोल में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।