सवाई माधोपुर जिले में वर्ष 2009 के बाद बने 10 लाख रूपये से अधिक की लागत वाले भवनों पर श्रम विभाग 1 प्रतिशत लेबर सेस की वसूली कर रहा है। इसके लिये जिले में सर्वे के बाद होटल/संस्थानों/भवन मालिकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से पिछले दो वर्षाें में 1 हजार 287 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है।
इन सभी से कुल लागत की एक फीसदी रकम श्रम आयुक्त कार्यालय में जमा करने को कहा गया है। विभाग की ओर से जारी इन नोटिस में मकान की कुल लागत और सेस की रकम का ब्योरा भी दिया गया है। इस रकम का इस्तेमाल श्रमिकों के हित में चलाई जा रही योजनाओं में किया जा रहा है। श्रम विभाग की ओर से 10 लाख रूपये से अधिक की लागत वाले भवनों का सर्वे करवाकर 1 प्रतिशत लेबर सेस के लिये नोटिस जारी किये जा रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में 21 करोड़ 21 लाख सेस के रूप में जमा किये गये हैं। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 697 नोटिस जारी किये गये हैं। इससे विभाग व सरकार को 15 करोड़ 18 लाख रूपये प्राप्त हुए हैं। संस्थानों व भवन मालिकों को जारी नोटिस में सेस चुकाने की समय सीमा भी तय की जाती है। तय अवधि तक सेस का भुगतान न करने पर भवन मालिक को सेस की रकम का दो फीसदी ब्याज हर महीने देना पड़ सकता है।
अगर किसी को कोई आपत्ति है या निर्माण लागत 10 लाख रूपये से कम है, तो संबंधित व्यक्ति कार्यालय में संपर्क कर अपना पक्ष रख सकता है। भवन मालिक की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर ही सेस संबंधी अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मकान की लागत कवर्ड एरिया के आधार पर तय की जाती है। अब केन्द्र सरकार ने भवन निर्माण के लिये नगरीय निकाय से नक्शा पास करने से पहले आवेदक लेबर सेस जमा करवाने की बाध्यता लागू कर रखी है। इसलिये नगरीय निकाय व यूआईटी से भी पिछले दो तीन वर्ष में वसूल किये गये सेस की जानकारी मांगी गई है।