राजस्थान में चल रहे सियासी संकट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर आज प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कैबिनेट फैसले के बाद हमने राज्यापाल को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया था। पर अब तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है। गहलोत ने कहा कि ऊपर से दबाव के कारण राज्यपाल एसेंबली बुलाने का आदेश नहीं दे रहे हैं। इसका हमें बहुत दुख है।
सारा खेल बीजेपी और उनके नेताओं का षड़यंत्र:-
सीएम गहलोत ने कहा कि हम लोग राज्यपाल से विधानसभा बुलाने का अनुरोध कर रहे हैं। हम सोमवार से विधानसभा चलाना चाहते हैं। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। यह सारा खेल बीजेपी और उनके नेताओं का षड़यंत्र है। मध्यप्रदेश में किया और राजस्थान में भी करना चाहते हैं लेकिन राजस्थान की जनता हमारे साथ हैं। कोरोना से लड़ने का वक्त है लेकिन ऐसे माहौल में बीजेपी की भूमिका से पता चलता है कि किस स्तर की राजनीति हो रही है। ईडीए सीबीआई सभी काम कर रहे हैं। कैसा नंगा नाच हो रहा है।
राजस्थान में तोड़फोड़ कर सरकार बनाने की परंपरा नहीं:-
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में तोड़फोड़ कर सरकार बनाने की परंपरा नहीं है। मैंने राज्यपाल से फोन पर बात कर उनसे विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह किया है। ऐसे में उन्हें संवैधानिक पद की गरिमा के चलते अविलंब फैसला करना चाहिए। विधानसभा में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैं बार-बार कह रहा हूं कि हमारे पास स्पष्ट बहुमत है। सरकार हम चला रहे हैं इसके बावजूद परेशान वो हो रहे हैं। पूरा खेल भाजपा खेल रही है। इसी दौरान उन्होंने अक्रामक बयान देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी तो जनता राजभवन का घेराव करने पहुंच सकती है उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।