राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार आखातीज एवं पीपल पूर्णिमा पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम हेतु तालुका विधिक सेवा समिति खंडार के तत्वाधान में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति तापस सोनी ने पंचायत समिति परिसर खंडार के मीटिंग हॉल में बाल विवाह की रोकथाम हेतु विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया।
सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट तापस सोनी ने शिविर में उपस्थित लोगों, महिलाओं , अन्य वरिष्ठ नागरिकों, सरपंच, पंचो को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह रोकथाम हेतु एसडीएम को बाल विवाह निषेध अधिकारी बनाया गया है। बाल विवाह करने वालों, करवाने वालों, शामिल होने वालों को 2 साल की कड़ी सजा एवं एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
इस अवसर पर स्थानीय उपखंड अधिकारी सुनील आर्य , तहसीलदार कृष्ण मुरारी मीणा, विकास अधिकारी मदन लाल बैरवा, पैनल अधिवक्तागण हरी लाल बैरवा, अंजनी कुमार, रमेश चंद तेहरिया, नागा राम मीणा, त्रिलोक चंद बैरवा, वरिष्ठ अधिवक्ता जगन्नाथ जाट एवं पैरालीगल वालंटियर्स आलोक कुमार नाथ, बैकुंठ नाथ मिश्रा, दिनेश कुमार बैरवा, महेश बैरवा, हरिप्रसाद गुर्जर एवं विधिक सेवा लिपिक महेंद्र बैरवा मौजूद रहे। पैरालीगल वालंटियर्स द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए पंपलेट, पोस्टर एवं बुकलेट का वितरिन कर लोगों को बाल विवाह नहीं करने हेतु प्रेरित किया।