बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के वीसी कक्ष में आज बुधवार को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से समस्त उपखंड मजिस्ट्रेट, विकास अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार एवं थानाधिकारियों की बैठक ली। जिला कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक व जिले के समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट अपने-अपने कार्यालय में बाल विवाह की रोकथाम हेतु नियंत्रण कक्ष का गठन कर बाल विवाह की रोकथाम बाबत ठोस प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ने बताया कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जिला नियंत्रण कक्ष दूरभाष नम्बर 07462-220201 स्थापित कर तहसीलदार निर्वाचन लक्ष्मण मीना 9694157071 को जिला नियंत्रण कक्ष का प्रभारी एवं सरकारी पैरोकार विनोद शर्मा 9460914430 को सहायक प्रभारी नियुक्त किया है।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम हेतु अक्षय तृतीया (आखातीज), पीपल र्पूणिमा जैसे पर्वाे पर विशेष ध्यान दिया जाना है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु निरन्तर निगरानी रख क्षेत्र में बाल विवाह नहीं होना सुनिश्चित किया जावें।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कमरचारियों, अधिकारियों, थानाधिकारियों, भू अभिलेख निरीक्षकों, पंचायत सदस्यों, ग्रामसेवकों, कृषि पर्यवेक्षकों, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों आगंनवाडी कार्यकर्ताओं, महिला सुरक्षा सखी, शिक्षकों, नगरनिकाय के कर्मचारियों, जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचो) के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजन को जानकारी कराते हुए जनजागृति उत्पन्न कर बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही की जावे।
ग्राम सभाओं में सामुहिक रूप से बाल बिवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करना व रोकथाम की कार्यवाही की जाए। बाल विवाह रोकथाम हेतु किशोरियों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समुहों व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे- स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज कल्याण, शिक्षा विभागों इत्यादि के साथ समन्वय बैठक आयोजित की जावे तथा इनके र्कामिकों को बाल विवाह होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने हेतु पाबन्द किया जाए।
उन्होने बाल विवाह की रोकथाम हेतु नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ चाईल्ड हैल्पलाइन नंबर 1098, 181 कॉल सेन्टर पर तथा पुलिस नियंत्रण कक्ष के 100 नम्बर पर कॉल कर कभी भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसका भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जावे। उन्होंने समस्त उपखण्ड अधिकारियों एवं पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देशित किया जाता है, कि वे बाल विवाहों की रोकथाम के संबंध में अपने-अपने क्षेत्रों में समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करें एवं सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही की जावे।