जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुविधाओं में विस्तार के साथ-साथ दवाओं का उचित प्रबंधन, साफ-सफाई, कर्मचारियों की सुरक्षा, वाहन पार्किंग का उचित प्रबंधन करने के संबंध में जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव की अध्यक्षता में जिला अस्पताल के सभागार में चिकित्सकों, नर्सिंग, फार्मासिस्ट, सफाई एवं सुरक्षा प्रभारियों की बैठक बुधवार को आयोजित हुई। जिला कलेक्टर ने कहा कि अस्पताल में सवाई माधोपुर जिले के साथ-साथ मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों के मरीज बेहतर ईलाज की अपेक्षा में आते हैं उन्हें बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ-साथ निःशुल्क दवा, जांच, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ वातावरण देना हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल के बेहतर प्रबंधन के लिए मैनपावर के साथ-साथ हैडिकेशन की आवश्यकता है। अस्पताल के बेहतर प्रबंधन में पब्लिक एनाउंसमेन्ट सिस्टम उपयोगी सिद्ध हो सकता है इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में आवारा सुअरों, कुत्तों एवं गायों के कारण मरीजों एवं उनके परिजनों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए सुरक्षा कर्मियों की संख्या एवं उनकी गुणवत्ता में वृद्धि की जाए।
इसके साथ-साथ आपदा प्रबंधन पर भी विशेष रूप से व्यवस्थाएं अस्पताल में सुनिश्चित हो। अस्पताल परिसर को स्वच्छ, हरा-भरा बनाने के लिए वर्षा ऋतु में घांस और पौधारोपण किया जाए। वहीं पार्किंग के उचित प्रबंधन के लिए यथा संभव प्रयास किए जाए। आवश्यक दवाओं और जांच की 24 घण्टे व्यवस्था सुनिश्चित हो। जिला कलेक्टर ने इस दौरान उपस्थित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग, फार्मासिस्ट एवं अन्य प्रभारियों से अस्पताल के बेहतर प्रबंधन के लिए सुझाव मांगे। इस दौरान डॉक्टर सत्यनारायण अग्रवाल ने सुझाव दिया कि उचित पार्किंग स्थान उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पताल परिसर में वाहन पार्किंग अव्यवस्थित रहती है जिससे 108 एम्बुलेंस सहित अन्य रोगी वाहनों के अस्पताल तक पहुंचने में असुविधा होती है।
वहीं उन्होंने 20 एक्स आर्मी मैन गार्ड अस्पताल की सुरक्षा हेतु लगाने, फायर सिस्टम के लिए पर्याप्त संसाधन एवं मैनपावर की व्यवस्था, डीडीसी दवा वितरण केन्द्र के उचित प्रबंधन, लैब में मरीजों के पंजीकरण हेतु अतिरिक्त कार्मिक की आवश्यकता की बात कहीं। वहीं डॉक्टर अकरम ने अस्पताल में दुर्घटना आपातकाल कक्ष में ट्रोमा, विद्युत करंट, आग से जलने, दुर्घटना में घायल मरीज जिन्हें एम्बुलेंस या अन्य साधनों से अस्पताल पहुंचाया जाता है उनके उतरने के बाद पंजीकरण, फर्स्ट एड, सहित एक्सरे, सोनोग्राफी आदि की सुविधाएं एक जगह उपलब्ध हो। रात्रि में आईपीडी में भर्ती मरीजों को मिलने आने वाले परिजनों के लिए एन्ट्री पास की व्यवस्था का सुझाव दिया। इस दौरान पीएमओं डॉ. अश्वनी कुमार सहित अन्य चिकित्सकीय प्रभारी उपस्थित थे।