मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता ने वी.सी. के माध्यम से सभी जिला कलक्टर्स की बैठक लेकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, गत 5 दिसम्बर को माननीय मुख्यमंत्री महोदया की वीसी में दिये निर्देशों की पालना आदि के बारे में समीक्षा की। सम्मान निधि योजना के कुशल संचालन के लिये सीएस ने सवाई माधोपुर कलक्टर डाॅ. एस. पी. सिंह की प्रशंषा भी की।
इस वी. सी. के बाद जिला कलक्टर डाॅ. एस. पी. सिंह ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आवेदन और आधार में मिसमैच के कारण योजना की तीसरी किश्त ऐसे किसानों को जारी नहीं की गयी है। अब इन किसानों की पटवार सर्कलवाइज लिस्ट बनाकर पटवारी और आरआई को सौंपी जायेगी। वे किसान को ई-मित्र पर जाकर मिस मैच दूर करवाने के लिये समझायेंगे। इसके लिये ई-मित्र लेवल पर कैम्प भी लगाये जा सकते हैं।
इस सम्बन्ध में जिला कलक्टर ने बताया कि जिस किसान ने 31 मार्च, 2019 से पहले आवेदन किया है तथा कोई मिस मैच नहीं है, उन्हें ही तीसरी किश्त जारी की गयी है। इस तारीख के बाद आवेदन करने वालों को अभी 2 ही किश्त मिली है। पहली 2 किश्तें आधार और आवेदन मिसमैच वालों को भी दी गयी थी लेकिन तीसरी क़िस्त बिना त्रुटि सुधार के नहीं मिलेगी। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं। किसी का खाता संख्या या अन्य जानकारी गलत फीड है तो उसे प्रथम 2 किश्त भी नहीं मिली है। ऐसे किसान ई-मित्र पर जाकर डेटा मैच करवायें।
जिला कलक्टर ने यह भी बताया कि किसी सरकारी कार्मिक ने किसान बनकर इस योजना का लाभ ले लिया है तो भी जेल जाने से बचने का रास्ता खुला है। वह किश्त की राशि को सरकार को पुनः जमा करा दें। इसकी प्रक्रिया के बारे में जल्द ही विस्तृत नोट जारी किया जायेगा अन्यथा नौकरी जाने और जेल में जाने का खतरा रहेगा।
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिस किसान ने बैंक या सहकारी समिति से ऋण लिया है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 31 दिसम्बर तक उसका प्रीमियम बीमा कम्पनी को भेजना इनकी जिम्मेदारी है। हिस्सा राशि बाद में भेजी तो कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जायेगा तथा क्लेम के साथ ही जुर्माना राशि भी इन वित्तीय संस्थानों को देनी होगी। जिस किसान ने लोन नहीं लिया है, कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारी उसे इस योजना में आवेदन करने के लिये समझायें ताकि खराबा होने पर उसे मदद मिल सके।
जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं कि आम जन की समस्या का निर्धारित समय अवधि में निस्तारण करें तथा परिवादी को इस बाबत सूचित भी करे ताकि उसे पता चले कि राज्य सरकार उसकी समस्या को लेकर कितनी गम्भीर है। पटवारी के लेवल की समस्या तहसीलदार के पास और एसडीएम के लेवल की समस्या कलेक्टर के पास नहीं आनी चाहिये। जिला कलक्टर ने जिले में विकास योजनाओं और समस्या समाधान की निगरानी के लिये जिला आयोजना अधिकारी को नियमित कार्यपालना रिपोर्ट देने के लिये नियुक्त किया है।