कलकत्ता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने 22 साल की लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के मामले में एक समुदाय के ऊपर की गई उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है। बार एंड बेंच के अनुसार जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी ने कहा कि उनकी (शर्मिष्ठा पनोली) टिप्पणियों से एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और भारत एक विविधतापूर्ण देश है। इसलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके इसका इस्तेमाल दूसरों को आहत करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
जस्टिस चटर्जी पनोली की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें पनोली ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने और वीडियो पर अलग-अलग प्राथमिकी (एफआईआर) को एक करने की मांग की है। लाइव लॉ के अनुसार कलकत्ता हाई कोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 5 जून को की जाएगी। 30 मई को कोलकाता के गार्डनरीच थाने की पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली को गुरुग्राम से गिर*फ्तार किया है।
इसके बाद कोलकाता की स्थानीय अदालत ने एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कथित अपमानजनक वीडियो के मामले में पनोली को 14 दिनों की न्यायिक हिरा*सत में भेज दिया था। हालांकि, गिर*फ्तारी से कुछ दिन पहले उन्होंने वीडियो हटा दिया और एक्स पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।