जयपुर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में आज बुधवार को भाजपा की विधायक सूर्यकांता व्यास से उनके घर जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि सूर्यकांता व्यास ने मेरे कार्यों की प्रशंसा की है। इसलिए भाजपा ने इस बार उन्हें सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार नहीं बनाया है। मेरी वजह से ही सूर्यकांता व्यास का टिकट कटा है।
अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा भले ही सूर्यकांता व्यास का सम्मान न करें, लेकिन व्यास जोधपुर की सम्मानित नेत्री हैं। चूंकि मेरी वजह से टिकट कटा इसलिए मैं सम्मान देने के लिए व्यास के घर गया था। अशोक गहलोत ने दावा किया है कि आज की मुलाकात में भी सूर्यकांता व्यास ने मेरे कार्यों की प्रशंसा की। सूर्यकांता व्यास का टिकट कटने पर अशोक गहलोत ने भाजपा को महिला विरोध भी बताया है। एक तरह से सूर्यकांता व्यास की आड़ में गहलोत ने भाजपा पर जोरदार हमला किया है।
यह भी हो सकता है कि आने वाले दिनों में सूर्यकांता व्यास जोधपुर में कांग्रेस के समर्थन में प्रचार – प्रसार करें। राजनीति के जानकारों का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत आज जो भरोसा भाजपा की नेत्री सूर्यकांता व्यास पर जता रहे हैं, वैसा ही भरोसा उन्होंने चार वर्ष पहले घनश्याम तिवाड़ी पर भी जताया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा से बगावत की और स्वयं भी जयपुर से चुनाव लड़ा। तब तिवाड़ी की जमानत जप्त हो गई थी।
निराश और हताश तिवाड़ी के कंधे पर सीएम अशोक गहलोत ने हाथ रखा और उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलवा दी। अशोक गहलोत ने विधानसभा से उपचुनाव में तिवाड़ी को मंच पर बैठाया और तिवाड़ी की आड़ में भाजपा पर हमला बोला। अशोक गहलोत का कहना रहा है कि घनश्याम तिवाड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे लेकिन आज भाजपा में उनका सम्मान नहीं हुआ है। इससे भाजपा की नीति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भाजपा जब घनश्याम तिवाड़ी जैसे कार्यकर्ता का सम्मान नहीं कर सकती, तो फिर बीजेपी किसी भी कार्यकर्ता का सम्मान कर सकती। इस समय घनश्याम तिवाड़ी पूरी तरह गहलोत के जादू में फंसे हुए थे, इसलिए कांग्रेस के मंच से भाजपा की आलोचना करते रहे। लेकिन अशोक गहलोत का जादू समाप्त होती ही घनश्याम तिवाड़ी वापस भाजपा में आ गए और राज्य सभा के सांसद हैं।
(सोर्स – एसपी मित्तल ब्लॉगर)