एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा नाबार्ड के सहयोग से चलाये जा रहे आजीविका और उधम विकास कार्यक्रम के तहत संग्रामपुरा एव हालोंदा की 75 महिलाओं को शिल्पग्राम के साथ साथ रणथम्भौर रोड़ स्थित हस्तकला से संबंधित कला दीर्घाओं का भ्रमण करवाया गया। ताकि प्रशिक्षु महिलाएं अन्य महिलाओं को समूह में कार्य करता देख अपनी आजीविका चलाने के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित हो सके।
महिलाओं को शिल्पग्राम में महिलाओं के समूहों के कार्य को संभाल रहे बलराम द्वारा महिलाओं को सामुहिक रूप से बनाये गए उत्पाद विभिन्न प्रकार के बैग, मसाले, मिट्टी के खिलौने, ब्लू पॉटरी आदि की जानकारी दी गयी साथ ही वहां पर कार्य कर रही महिलाओं से बात की साथ ही महिलाओं द्वारा बनाये गए सामानों की सराहना कि तथा स्वयं भी इस कार्य को पूरी लगन से करने की बात कही। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षक रिंकू मल्होत्रा ने बताया की महिलाओं को शिल्पग्राम में लाने का उद्देश्य यह है कि महिलाएं अन्य महिलाओं के द्वारा किये जा रहे आजीविका के कार्यों को देख कर उनसे प्रेरणा ले सके ताकि उन्हें आगे कार्य करने के लिए होंसला मिल सके साथ ही वे अपने कार्य को ओर मजबूती एव दृढ़ शक्ति के साथ कर सके।
साथ ही एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष जय कुमार बेनीवाल ने बताया की रणथम्भौर में लाखों पर्यटक हर वर्ष आते है उन्हें विभिन्न प्रकार के हस्त निर्मित बैग महिलाएं बेच कर अपनी आजीविका भी चला सकती है साथ ही अपनी संस्कृति से देसी विदेशी पर्यटकों को रूबरू करवा सकती है। इसी क्रम में एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के परियोजना समन्वयक नवीन बबेरवाल ने बताया कि कपड़े एव कागज की थैले बनाने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 3 बेच में 90 महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उन समूहों को बाजार उपलब्ध करवाने तक का प्रशिक्षण कार्यक्रम एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा किया जायेगा इसी क्रम में आज 75 महिलाओं को रणथम्भौर रोड स्थित शिल्पग्राम एव हस्तकला से संबंधित कला दीर्घाओ का भ्रमण करवाया गया। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के उपाध्यक्ष अनुपम मोरवाल ने कपड़े एव कागज की थैले बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर आजीविका के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया इस दोरान एनवायरनमेंट एंड एजुकेशन सोसाइटी के मनमोहन कुमावत, अजय जैन, रविन्द्र राजावत, बुद्धि प्रकाश मीना, बलराम वैष्णव, सीताराम बैरवा आदि लोग मोजूद रहे।