Tuesday , 20 May 2025

राजस्थान में चुनावी धरपकड़ से बाजार में कारोबार हुआ ठप

निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने जो मापदंड निर्धारित किए हैं उनमें राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों और नेताओं को प्रलोभन देने पर रोक लगाई है। इस रोक की मंशा यह है कि उम्मीदवार और उसके समर्थक मतदाताओं को नकद राशि न दे सके। इसके लिए पुलिस को यह अधिकार दिया गया है कि वह राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं के वाहनों की जांच पड़ताल करे और बड़ी मात्रा में नकदी हो उसे आयकर विभाग में जमा करवाएं। चुनाव आयोग की मंशा यह नहीं है कि धरपकड़ के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जाए। राजस्थान में पुलिस ने व्यापारियों पर जो धरपकड़ की है उससे बाजार में कारोबार ठप हो गया है।

 

जो सर्राफा व्यापारी रोजाना अपने घर से दुकान तक सोना, चांदी और जेवरात ले जाते हैं उन्हें भी चुनाव आयोग के निर्देशें का हवाला देकर पुलिस पकड़ रही है। प्रदेश में अब तक करोड़ों रुपए का सोना चांदी जब्त किया जा चुका है। बाजार में लाखों रुपए की नगदी इधर-उधर होती है। पुलिस अब दो लाख रुपए तक की नगदी भी जब्त कर रही है। इन दिनों त्योहारी सीजन के साथ साथ शादी ब्याह भी है। ऐसे में एक परिवार द्वारा पांच दस लाख रुपए की खरीद करना सामान्य बात है, लेकिन पुलिस के डर की वजह से लोग नगदी लेकर अपने घरों से नहीं निकल रहे। इसका परिणाम यह हुआ है कि बाजार में कारोबार ठप हो गया है। पुलिस किस तरह से धरपकड़ करती है यह जगजाहिर है।

 

Market business came to a halt due to election crackdown in Rajasthan

 

व्यापारियों के लिए दीपावली काली हो रही है तो पुलिस के लिए दिवाली रंगीन हो गई है। व्यापार जगत में भय और दहशत का माहौल सिर्फ अजमेर में नहीं बल्कि पूरे राजस्थान भर में है। हाल ही में अजमेर के पीसांगन में जिस सर्राफा कारोबारी को पकड़ा गया उसने अपने तमाम दस्तावेज बताए, लेकिन फिर भी पुलिस ने रातभर थाने में बैठाए रखा। सुबह पुलिस के चंगुल से व्यापारी कैसे निकला यह पीसांगन पुलिस स्टेशन के अधिकारी ही बता सकते हैं। ऐसी घटनाएं आम है। सभी जिलों के व्यापारी अपने अपने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सवाल सोना चांदी और जेवरात की जब्ती का भी है। क्या कोई उम्मीदवार मतदाताओं से सोने चांदी के जेवरात देगा? चुनाव आयोग में बैठे अधिकारी माने या नहीं, लेकिन राजस्थान में अभी तो दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारी भी घोषित नहीं किए हैं। ऐसे में मतदाताओं को प्रलोभन देने का सवाल ही नहीं उठता।

 

बेवजह की धरपकड़ से व्यापारी वर्ग और आम लोगों को परेशानी हो रही है। अभी जो लोग पकड़े जा रहे हैं, उनका चुनाव से कोई सरोकार नहीं है। बाजार में यह सामान्य प्रक्रिया है। चुनाव आयोग को यह भी समझना चाहिए कि जीएसटी लागू होने के बाद कारोबार में बहुत पारदर्शिता आई है। वैसे भी कर चोरी पकड़ना चुनाव आयोग का काम नहीं है। चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव करवाना है। अच्छा हो कि केंद्रीय चुनाव आयोग राजस्थान में पुलिस की धरपकड़ को तत्काल प्रभाव से बंद करवाए। पुलिस को जो अधिकार दिए गए हैं उसका दुरुपयोग हो रहा है। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)

About Vikalp Times Desk

Check Also

Mantown thana Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा

पुलिस ने एक वांछित आरोपी को धरा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना पुलिस की …

Mantown Police Sawai Madhopur News 17 May 2025

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा

ड*कैती और हथि*यार त*स्करी के इनामी आरोपी को दबोचा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना …

Ration dealer government wheat malarna dungar sawai madhopur news

सरकारी गेंहू के ग*बन के मामले में राशन डीलर के खिलाफ मामला दर्ज

सवाई माधोपुर: खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेंहू के ग*बन के एक गंभीर …

Akodia school will be developed using mustard straw in sawai madhopur

सरसों की तूड़ी से होगा आकोदिया स्कूल का विकास

सवाई माधोपुर: जिले में शिक्षा की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से जिला …

Mantown Police Sawai Madhopur News 17 May 25

सायबर ठ*गी के दो आरोपियों को दबोचा

सायबर ठ*गी के दो आरोपियों को दबोचा     सवाई माधोपुर: मानटाउन थाना पुलिस की …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !