समाज को दिया द*हेज और खर्चीले विवाह के विरुद्ध सशक्त संदेश
सवाई माधोपुर: जब जिम्मेदार अधिकारी समाज के लिए मिसाल बनें, तो बदलाव की दिशा और तेज हो जाती है। ऐसा ही उदाहरण पेश किया राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की अधिकारी ज्योत्सना खेड़ा और राजस्थान वन सेवा (आरएफएस) के अधिकारी योगेश वर्मा ने, जिन्होंने ना धूमधाम की, ना तामझाम-बल्कि बेहद सादगी से विवाह कर समाज को दिया एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश दिया है।
जयपुर निवासी आरएएस अधिकारी ज्योत्सना खेड़ा (बैच 2024) एवं अलवर निवासी आरएफएस अधिकारी योगेश वर्मा (बैच 2022) ने बुधवार को सवाई माधोपुर स्थित मानटाउन क्लब में गिने-चुने अतिथियों की मौजूदगी में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर वैवाहिक बंधन में बंध गए। इससे पूर्व कोर्ट मैरिज के जरिए विवाह की विधिक प्रक्रिया पूर्ण की गई।
इस विवाह की खास बातें:
- बिना घोड़ी, बिना बाजा और बिना बारात के संपन्न हुआ विवाह,
- न कोई दिखावा, न दहेज, सिर्फ सादगी और पारिवारिक आशीर्वाद
- समाज को दिया एक बुलंद और सार्थक संदेश: “शादी दिखावे से नहीं, समझ और सहयोग से होती है”
दोनों अधिकारी वर्तमान में महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्यरत:
ज्योत्सना खेड़ा वर्तमान में मलारना डूंगर में एसडीम के पद पर कार्यरत हैं, जबकि योगेश वर्मा फलौदी और पालीघाट क्षेत्र में एसीएफ पद पर सेवारत हैं। ज्योत्सना के पिता सेवानिवृत्त आईएएस कैलाश बैरवा पूर्व में सवाई माधोपुर में सेवाएं दे चुके हैं, जिससे यह जिला दोनों अधिकारियों के जीवन की खास स्मृति बन गया है।
समारोह की गरिमा बढ़ाई इन अधिकारियों ने:
इस सादगीपूर्ण अवसर पर जिले के कलेक्टर शुभम चौधरी, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, एडीएम संजय शर्मा, जिला परिषद सीईओ गौरव बुडानिया, उपखंड अधिकारी अनूप सिंह, रणथंभौर डीएफओ रामानंद भांकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
समाज के लिए प्रेरणा:
यह विवाह ना केवल एक निजी आयोजन रहा, बल्कि सामाजिक सुधार की दिशा में एक सशक्त कदम बन गया है। द*हेज और फिजूलखर्ची से मुक्त विवाह आज की पीढ़ी के लिए एक नई सोच और साहसिक कदम की मिसाल है।
”
जब प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अधिकारी समाज के लिए आदर्श बनते हैं, तब परिवर्तन केवल नीतियों में नहीं, जीवन मूल्यों में भी उतरता है।”