रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 14 जनवरी, 2024 को हैदराबाद में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। उन्होंने रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) में चल रही मिसाइल प्रौद्योगिकियों और संबंधित गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस दौरान, मिसाइल एवं सामरिक प्रणाली [डीजी (एमएसएस)] के महानिदेशक यू राजा बाबू ने रक्षा राज्य मंत्री को विभिन्न तकनीकी विकास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डीआरडीएल, एएसएल और आरसीआई के प्रयोगशाला निदेशकों ने रक्षा राज्य मंत्री को संस्थान द्वारा विकसित की गई महत्वपूर्ण प्रणालियों तथा प्रौद्योगिकियों के बारे में भी बताया। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री ने कहा की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के ज्ञान व बुनियादी ढांचे के आधारभूत संचालन केंद्र का उपयोग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा निजी उद्योगों द्वारा किया जाना चाहिए, इससे हमारे देश में एक आत्मनिर्भर रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टम की स्थापना हो सकेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को अन्य देशों को हथियार प्रणालियों के निर्यात में भारत को विश्व के एक प्रमुख देश के रूप में उभरना चाहिए। अजय भट्ट ने इस बात पर बल दिया कि आज रक्षा क्षेत्र का दायरा केवल जमीन, समुद्र या आकाश तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें अंतरिक्ष भी शामिल है। रक्षा राज्य मंत्री ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रतिष्ठानों द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइल प्रणालियों तथा महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का अवलोकन किया। उन्होंने अग्नि-प्राइम, आकाश, आकाश-एनजी, वीएसएचओआरएडीएस, प्रलय आदि सहित हाल के सफल मिशनों के लिए सभी डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों का स्वदेशीकरण करने और राष्ट्रीय लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप देश में रक्षा औद्योगिक आधार को सशक्त बनाने के लिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की सराहना की।