प्रमुख शासन सचिव पशुपालन एवं गोपालन विकास एस भाले ने गुरुवार को गोपालन विभाग में मिशन सन-रक्षण 24 की शुरुआत की। भाले ने इस अवसर पर कहा कि गौवंश एवं पक्षियों को लू और तापघात से बचाने के उद्देश्य से यह अभियान शुरु किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में हीट वेव चल रही है। मानसून के आने तक इससे राहत की कोई सूरत भी नजर नहीं आती। ऐसे में आदमियों ने तो अपने लिए उपाय कर लिए हैं पर इस क्रम में जो कार्बन का उत्सर्जन होता है उसका दंश मासूम पशु पक्षियों को झेलना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमारा नैतिक दायित्व बनता है कि हम इन निरीह पशु पक्षियों को लू और ताप के इस वातावरण से कुछ राहत दिला सकें। इसी बात को आधार बनाकर आज यह अभियान लांच किया गया है। इस अभियान की शुरुआत पूरे राजस्थान में एक साथ की जा रही है। भाले ने कहा कि यह एक छोटी सी शुरुआत है। इसमें बहुत ज्यादा खर्च नहीं है पर आत्मसंतुष्टि है। इसे हर व्यक्ति अपने स्तर पर शुरू कर सकता है। यह एक तरह से परोपकार का काम है। उन्होंने मीडियाकर्मियों द्वारा इस अभियान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील की ताकि लोगों में जागरूकता आ सके और बड़ी संख्या में लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में पशु पक्षियों का संरक्षण हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। उन्होंने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के बाद नौतपा शुरू हो जाता है इसलिए आज बुद्ध पूर्णिमा का दिन इस अभियान की शुरुआत के लिए बहुत अच्छा दिन है। उन्होंने लोगों से अपील की कि सब लोग अपने अपने घरों में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करें। गोपालन विभाग की निदेशक शालिनी शर्मा ने बताया कि यह अभियान आज पूरे राजस्थान में एक साथ शुरू किया जा रहा है। अभियान के तहत पंजीकृत गौशालाओं में पशुओं के लिए पानी की र्प्याप्त व्यवस्था और पक्षियों के लिए परिंडे एवं दाना इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि आज पशुपालन एवं गोपालन विभाग के समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों में भी परिंडे लगवाए गए और मिशन सन- रक्षण में अपना योगदान दिया गया।
प्रमुख शासन सचिव ने इस अवसर पर गोपालन निदेशालय द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका गौपालक वाणी का विमोचन भी किया। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवसर पर श्री भाले ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। बाद में प्रमुख शासन सचिव ने निदेशालय परिसर में पक्षियों के लिए परिंडे बांधकर पानी और दाना भी रखा। कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आनंद सेजरा और वित्तीय सलाहकार मनोज शांडिल्य सहित पशुपालन एवं गोपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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