उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में एक शिक्षिका को विद्यालय का नाम उर्दू में लिखने पर निलंबित कर दिया है। बीएसए बिजनौर ने नजीबाबाद ब्लॉक की नगर पंचायत साहनपुर के प्राइमरी स्कूल द्वितीय पर यह कार्रवाई की है। हालांकि जांच में यह बात सामने आई कि विद्यालय में जिन दो जगह उर्दू से लिखा नाम दिखाई दे रहा है वो पुराना था और वर्तमान में वहां ऐसा कुछ नहीं है। इस बात की पुष्टि जांच करने गए नजीबाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) राजमोहन ने बीबीसी से की।
उन्होंने कहा कि बीएससी बिजनौर की तरफ से मुख्य अध्यापिका रफत खान को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नजीबाबाद की सहारनपुर नगर पंचायत के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय प्रथम और द्वितीय आते हैं। ये मामला प्राथमिक विद्यालय द्वितीय का है। मैं मंगलवार को यहां जांच करने के लिए गया था। उधर, बीएसए बिजनौर योगेंद्र सिंह से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने खुद के एक मीटिंग में होने और बाद में बात करने की बात कही।
पुराना बताया जा रहा है वायरल फोटो:
जिस वायरल फोटो के आधार पर शिक्षिका रफत खान को निलंबित किया गया है, उस फोटो में विद्यालय में इमारत पर झंडा फहरता हुआ दिखाई दे रहा है। इस बारे में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर राजमोहन ने कहा कि हमारे यहां 15 अगस्त, गांधी जयंती या फिर 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है, संभवतः ये तस्वीर पिछले इन्हीं दिवसों में से किसी की है।
वायरल तस्वीर भी पुरानी ही है। बीईओ ने यह भी बताया कि जिस दौरान की ये फोटो है, उस समय विद्यालय के मुख्य गेट पर उर्दू में नाम लिखाया गया था, जबकि विद्यालय में स्थित एक अतिरिक्त कक्ष के ऊपर भी उर्दू में नाम लिखा गया था। वर्तमान में वहां ऐसा कुछ नहीं है।
उर्दू इस्तेमाल को लेकर क्या बोले बीईओ:
लेकिन उर्दू में लिखने पर कार्रवाई क्यों की गई। इस बारे में बीईओ राजमोहन कहते हैं कि ऐसे तो कई जगह उर्दू में लिखा होता है, रेलवे स्टेशनों पर भी उर्दू में लिखा होता है, बड़े कार्यालयों से लेकर कोर्ट तक में लिखा होता है। वैसे इस बारे में मुझे नहीं मालूम कि शिक्षिका के निलंबन को लेकर क्या मैटर रहा होगा, क्या साक्ष्य रहा होगा, मेरे सामने कोई रिपोर्ट नहीं थी। ये आला अधिकारी ही बता सकते हैं, वैसे, अब मेरे पास निलंबन का पत्र है। पत्र में अखबार के आधार पर प्रथम दृष्टया कार्रवाई की बात लिखी है।
नए सत्र की पुताई में पुतवा दिया था उर्दू में नाम:
मुख्य अध्यापिका रफत खान सहित विद्यालय में पांच लोगों का स्टाफ है। अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर शिक्षिका रफत खान ने बीबीसी से कहा कि क्या कर सकते हैं, विभागीय बात है। ये तस्वीर रीब एक साल पुरानी है, जिसे नए सत्र मार्च 2025 में पुतवा दिया गया था। अभी निलंबन पत्र नहीं मिला है।
कार्रवाई अफसोसजनक है:
जिला शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षिका के खिलाफ हुई इस कार्रवाई पर शिक्षक नेता अफसोस जता रहे हैं। उर्दू शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रिजवान अहमद ने बीबीसी से कहा कि शिक्षिका का निलंबन अफसोस की बात है। उर्दू हमारी दूसरी राजकीय भाषा है। हम इस बारे में जल्द ही अपने पदाधिकारियों से बात करेंगे।