शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं एवं प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास के नवीनतम प्रयास ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा एवं उद्यमिता से परिचित कराने हेतु “ए स्टैप टुवड्र्स सस्टेनेबल फ्यूचर: ग्रीन हाइड्रोजन, एंटरप्रेन्योरशिप एंड एसडीजी विषय पर आज शुक्रवार को प्रातः 11.30 बजे से ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ संरक्षक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गोपाल सिंह, संयोजक डॉ. अमरनाथ अग्रवाल एवं कार्यशाला प्रभारी डॉ. प्रेम सोनवाल द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर हुआ। प्राचार्य डॉ. गोपाल सिंह ने अपने स्वागत भाषण में नवीनीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन ऊर्जा और भारत को ईंधन का शुद्ध निर्यातक बनाने हेतु एक कार्यक्रम राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन एवं स्टार्टअप के बारे में बताया। प्राचार्य ने बताया कि भारत में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन हेतु भौगोलिक स्थिति अनुकूल होने के साथ-साथ धूप और हवा की प्रचुर उपलब्धता है। कार्यशाला के संयोजक डॉ. अमरनाथ अग्रवाल ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया और कार्यशाला का महत्व बताते हुए कार्यशाला का सफल संचालन किया।
कार्यशाला के प्रभारी एवं कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रेम सोनवाल ने गांधीजी के कथन- ‘धरती पर सभी की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, उनके लालच के लिए नहीं।’ से अपनी बात प्रारम्भ की। इन्होंने बताया कि तेजी से खत्म हो रहे प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण प्रदूषण, ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा, सतत विकास लक्ष्यों पर जानकारी दी। मुख्य वक्ता इंजीनियर पुनीत अग्रवाल, प्रॉजेक्ट क्वॉलिटी लीड, आयरलैंड ने हाइड्रोजन ऊर्जा का परिचय, ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा का उत्पादन एवं उसका तुलनात्मक अध्ययन, ग्रीन हाइड्रोजन की प्राप्ति में आने वाली चुनौतियां, भारत जैसे देशों में इसकी प्रचुर सम्भावना, दक्ष कौशल की आवश्यकता एवं कैरियर अपॉर्चुनिटी, उद्यमिता के विभिन्न अवसर और सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति पर पीपीटी एवं विडियो के जरिए विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता इंजीनियर पुनीत अग्रवाल ने ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के प्रति जागरूकता हेतु एक ऑनलाइन प्रश्नावली का भी आयोजन गूगल फॉर्म द्वारा किया, जिसमें प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यशाला के इंटररेक्शन सत्र में दिल्ली से एच के अग्रवाल की जिज्ञासा पर मुख्य वक्ता ने अपने विचार प्रकट किये। कार्यशाला को सफल बनाने में योगदान आयोजन समिति के सदस्यों का योगदान रहा। कार्यशाला का लाइव आयोजन गूगल मीट एवं यूट्यूब लिंक के द्वारा किया गया। कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्यों तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं मलेशिया से लगभग 700 प्रतिभागियों ने गूगल मीट एवं यूट्यूब लिंक द्वारा भाग लिया। कार्यशाला के अंत मे कार्यशाला के प्रभारी डॉ. प्रेम सोनवाल कार्यशाला में जुड़े रहे सहभागियों का कार्यशाला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।