केंद्र सरकार द्वारा बजरी खनन नीति की नई गाइडलाइन तैयार करने को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।
लोगों का कहना है कि केंद्रीय जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा नदी से 5 किलोमीटर दूर ही रिलीज जारी करने को लेकर अधिसूचना तय की जाने की चर्चा जोरों पर है। वही बजरी खनन को लेकर नई बजरी नीति के तहत जारी की गई इस अधिसूचना व नई गाइडलाइन को लेकर बजरी व्यवसायियों में भी खुशी का माहौल देखा जा रहा है तो दूसरी ओर नदी क्षेत्र से 5 किलोमीटर से कम दूरी में आवंटित बजरी लीज के संचालकों में बेचैनी के साथ कम दुरी की बजरी लीज पर भी तलवार लटकी दिखाई दे रही है।
चर्चा है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा बजरी खनन के लिए बनाई गई नई गाइडलाइन को अगर सुप्रीम कोर्ट सहानुभूति पूर्वक विचार करें और इसको लागू कर दे तो नदियों से 5 किलोमीटर दूर की अधिसूचना से बजरी का खनन भी हो जाएगा और पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा। गौरतलब है कि नवम्बर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा दी थी। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर, बौंली, खण्डार आदि से गुजर रही बनास मोरेल आदि नदियों से बजरी का खनन होता है।