बीकानेर:- राज्य के उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों पद रिक्त होने के कारण 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने रिमेडियल कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए थे। जिन स्कूलों में सेकंड ग्रेड शिक्षक एवं व्याख्याता नहीं है, वहां 9वीं से 12वीं की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए कार्य व्यवस्थार्थ योग्यताधारी निजी शिक्षक लगाए जाने थे।
जरूरत होने पर भी जिन स्कूलों के संस्था प्रधानों ने निजी शिक्षकों को नहीं लगाए है, अब विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त ने इस संबंध में समस्त मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। जिन स्कूलों में जरूरत होने पर भी शिक्षक नहीं लगाए गए हैं, वहां के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर पर संबंधित संस्था प्रधानों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि योजना के मुताबिक 9वीं- 10वीं में अंग्रेजी, गणित, विज्ञान विषय की रिमेडियल कक्षाएं तथा 12वीं और 11वीं के विद्यार्थियों की आवश्यकता को प्राथमिकता देते हुए प्रति संकाय अधिकतम तीन विषयों का उपचारात्मक शिक्षण कराया जा रहा है। समग्र शिक्षा के एडीपीसी गजानन सेवग ने बताया कि 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपचारात्मक शिक्षण को लेकर सभी मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।