नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून के लिए नियमों का मसौदा जारी कर दिया। अगस्त 2023 में संसद में इस कानून को मंजूरी मिलने के बाद इसके नियमों को बनाए जाने की उम्मीद की जा रही थी। इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को इन नियमों को जारी कर लोगों से इस पर फीडबैक मांगा है। माईगवर्नमेंट (MyGov) पोर्टल पर इसका फीडबैक मांगा है। इसके लिए 18 फरवरी 2025 की डेडलाइन निर्धारित की गई है।
मसौदा नियमों के अनुसार अब 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए अपने पैरेंट्स की सहमति लेनी होगी। डेटा के लिए जिम्मेदार कंपनियों को यह पता कर लेना होगा कि जो शख़्स खुद को किसी बच्चे का पैरेंट बता रहा है वो खुद वयस्क है या नहीं। इन नियमों को लागू होने पर यूजर को कई अधिकार मिलेंगे, जिसमें अपने डेटा तक पहुंच और उसे समय-समय पर अपडेट करने का अधिकार होगा।
डेटा मालिक डेटा प्रोसेसिंग की सहमति वापस ले सकेंगे और इसे मिटा भी सकेंगे। सभी सहमतियों का रिकॉर्ड मशीन से पढ़े जा सकने वाले फॉर्मेट में होंगे। डिजिटल कंपनी डेटा फिड्यूशरी की वेबसाइट पर शिकायत कर सकेंगे। कंपनी के प्लेटफॉर्म पर समाधान नहीं होने पर ऊपर शिकायत की जा सकेगी।