राजस्थान में दस के बजाए 14 प्रतिशत आरक्षण मिले
आर्थिक आधार पर आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) देने को लेकर जो विसंगतियां हैं उन्हें दूर करने के लिए श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन जयपुर ने देश भर में मुहिम शुरू की है। इसके अंतर्गत फाउंडेशन से जुड़े युवा जिला कलेक्टरों के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भिजवा रहे हैं। इन ज्ञापनों में कहा गया है कि जिस प्रकार राजस्थान और गुजरात में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आय की सीमा 8 लाख रुपए निर्धारित की है, उसी प्रकार देशभर में इस नियम को लागू किया जाए। क्योंकि अभी संपत्ति का जो मापदंड निर्धारित किया गया है उसकी वजह से ईडब्ल्यूएस के गरीब वर्ग के लोग आरक्षण का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। ज्ञापनों में प्रधानमंत्री को बताया गया है कि राजस्थान और गुजरात में आय की सीमा में संपत्ति का मापदंड हटा दिया गया है। इससे सामान्य वर्ग के परिवारों को भी आरक्षण का लाभ मिलने लगा है। अब 8 लाख की आय वाले परिवार भी ईडब्ल्यूएस का लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री को बताया कि केंद्र सरकार की नौकरियां में अभी भी संपत्ति वाला मापदंड लागू है, इसलिए राजस्थान के युवा लगातार पिछड़ रहे हैं। राज्य सरकार की नौकरियां में जहां ईडब्ल्यूएस को 70 प्रतिशत का आरक्षण मिल रहा है वहीं केंद्र में 30 प्रतिशत ही है। प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया कि राजस्थान के युवाओं के हितों का ख्याल रखते हुए केंद्र सरकार की नौकरियों में भी आय की सीमा को आठ लाख रुपए निर्धारित किया जाए। इसी प्रकार अन्य आरक्षित वर्ग के लोगों को आयु सीमा में जो छूट मिली हुई है, उसे ईडब्ल्यूएस के युवाओं पर भी लागू किया जाए। मौजूदा समय में केंद्र सरकार ने पात्रता प्रमाण पत्र की अवधि एक वर्ष निर्धारित कर रखी है। इस अवधि को पांच वर्ष किया जाए और जरूरत हो तो शपथ पत्र के आधार पर प्रतिवर्ष प्रमाण पत्र का नवीनीकरण किया जाए।
प्रधानमंत्री को यह भी बताया गया है कि ईडब्ल्यूएस के लिए आय की गणना में पूरे परिवार को शामिल किया गया है। इसमें माता-पिता भाई-बहन, पति आदि भी शामिल है। इस नियम की वजह से हजारों पात्र युवा आरक्षण के लाभ से वंचित हो रहे हैं। सुझाव दिया गया है कि आय में सिर्फ माता-पिता की आय को ही शामिल किया जाए। मौजूदा नियम की वजह से विवाहित महिलाओं को तो बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। उन्हें अपने ससुराल और पीहर की आय के लिए सरकारी दफ्तरों में चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिस प्रकार अन्य आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, छात्रावास आदि की सुविधाएं मिलती है, उसी प्रकार ईडब्ल्यूएस के पात्र विद्यार्थियों को भी स्कूल और कॉलेजों में सुविधाएं मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री से भी मांग:- श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन ने अपने अभियान के अंतर्गत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी ईडब्ल्यूएस की विसंगतियों को दूर करने का आग्रह किया है। गहलोत का इसलिए तो आभार जताया गया कि उन्होंने देश में सबसे पहले 8 लाख की सीमा वाला प्रावधान लागू किया, लेकिन साथ ही यह भी मांग की गई है कि विधानसभा में जो प्रस्ताव पास हुआ था उसके अनुरूप ईडब्ल्यूएस को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। मौजूदा समय में सिर्फ 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।
सरकार अभी राज्य सरकार के विभागों और शिक्षा विभाग में आरक्षण का लाभ दे रही है। मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि पंचायती राज, स्थानीय निकाय एवं अन्य सरकारी उपक्रमों में भी ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिया जाए। फाउंडेशन के प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि देशभर में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। फाउंडेशन की गतिविधियों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9749922222 पर देवेंद्र सिंह शेखावत से ली जा सकती है।