जिले में किसी भी शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, तीये की बैठक, 12वीं या 13वीं के समारोह में पंडित, पुरोहित को धार्मिक अनुष्ठान के लिये आमंत्रित किया जाएगा तो वह आयोजक को यथा सम्भव आयोजन टालने या स्वयं के स्तर पर ही कार्यक्रम आयोजित करने, वर्चुअल रूप से धार्मिक आयोजन में सहयोग लेने के लिए समझाएंगे। फिर भी अति आवश्यक परिस्थिति हुई तो शादी में गाइडलाइन के अनुसार कम से कम व्यक्तियों के उपस्थित रहने, नवीनतम गाइडलाइन की पूर्ण पालना का संकल्प दिलाने पर ही धार्मिक अनुष्ठान करने के लिये राजी होगा। गृह प्रवेश, मुंडन जैसे कार्यक्रम में पंडित, पुरोहित किसी भी स्थिति में उपस्थित नहीं होगा। यह संकल्प मंगलवार को जिले के विप्र फाउंडेशन, अखिल भारतीय गुर्जर गौड़ महासभा, अन्तर्राष्ट्रीय गुर्जर गौड़ महासभा के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के साथ हुई वर्चुअल बैठक में लिया। इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए अन्तर्राष्ट्रीय गुर्जर गौड़ महासभा की जिला ईकाई के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया कि उनके संगठन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति या परिवार न तो 17 मई तक अपने परिवार में शादी समारोह आयोजित करेगा न ही किसी दूसरे समाज के व्यक्ति की शादी में धार्मिक कार्य सम्पन्न करवाएंगे। वीसी में जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने इन सभी को जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी दी तथा स्वविकेक से निर्णय लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि आप लोगों का समाज में व्यापक प्रभाव हैं। इसका उपयोग कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लोगों की समझाइश कर करें। इस पर अन्तर्राष्ट्रीय गुर्जर गौड़ महासभा जिला अध्यक्ष लालचन्द गौतम ने बताया कि एक भी व्यक्ति की जान न जायें, यह हम सबका लक्ष्य होना चाहिए। सामान्य काल के नियम आपदा काल में परिवर्तित हो जाते हैं। आज मानव जीवन को बचाना ही पहली प्राथमिकता है। आजीविका कमाने के लिये तो पूरा जीवन पड़ा है, जब जीवन ही नहीं रहेगा तो क्या होगा। विप्र फाउंडेशन की महिला विंग प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. विमला शर्मा ने बताया कि मृत्यु भोज को हमने पहले ही समाप्त कर दिया है।
विप्र फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि आज आपदा का समय है। मानव जाति को इस संकट से बचाने के लिये सभी अपने घर से ही पूजा पाठ करें, पुरोहित अपने यजमान को फोन पर या वर्चुअल मंत्र पढ़ा सकते हैं या उनके लिये टेली पूजापाठ कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि नवीनतम गाइडलाइन में शादी में 31 व्यक्तियों से अधिक के उपस्थित होने पर पाबंदी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील की थी कि आपदा की इस घड़ी में शादी समारोहों को स्थगित करना बेहतर रहेगा। वर्चुअल बैठक में आचार्य बालकृष्ण शास्त्री गंगापुर, लोकेश शास्त्री बौंली, पंडित पूरण शास्त्री दुब्बी, पंडित हनुमान मलारना डूंगर, पंडित प्रेम शास्त्री बामनवास, आचार्य सत्यनारायण शास्त्री, आचार्य ब्रजेश शास्त्री, सवाई माधोपुर एसडीएम कपिल शर्मा, सहायक निदेशक ब्रजेश सामरिया, पीआरओ सुरेश चन्द्र गुप्ता भी शामिल रहे।