प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उदयपुर पहुंच गए हैं। वे आज चित्तौड़गढ़ के सांवलिया जी मंदिर के दर्शन करेंगे। इसके बाद मेला ग्राउंड में आमसभा को संबोधित करेंगे। 7 दिन में मोदी का राजस्थान में यह दूसरा दौरा है। यहां वे 7 हजार करोड़ रुपए की 9 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे। पीएम की सुरक्षा को लेकर मंदिर से लेकर सभा स्थल तक रिहर्सल की गई। एक अस्थाई रूप से हेलीपेड बनाया गया। हेलीपेड से सभा स्थल तक मोदी ओपन जीप में जाएंगे।
साढ़े चार साल बाद चित्तौड़गढ़ आ रहे पीएम
यह दूरी लगभग ढाई किलोमीटर की है। इससे पहले पीएम गत 21 अप्रैल 2019 को चित्तौड़गढ़ आए थे। आज हो रही सभा में माना जा रहा है कि पूरे मेवाड़ से लगभग 2200 बसें और 7000 दूसरी गाड़ियों से लोग सोमवार को मंडफिया पहुंचेंगे। इस सभा में करीब 20000 महिलाओं के भी आने की उम्मीद जताई जा रही है। चित्तौड़गढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में वे पूरी व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं।
मेवाड़ का सियासी गणित मेवाड़ यानी उदयपुर संभाग
इसमें 6 जिले बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, उदयपुर और प्रतापगढ़ शामिल है। मेवाड़-वागड़ संभाग में कुल 28 विधानसभा सीटें हैं। जहां पर बीजेपी का दबदबा है। 2018 के चुनाव में 28 में से 15 सीटों पर भाजपा काे जीत मिली थी, जबकि 10 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर अन्य जीते थे। पीएम मोदी रैली के जरिए मेवाड़ के गढ़ को और मजबूत करेंगे।
मेवाड़ में जिसकी पार्टी, वही राजस्थान की सत्ता पर
‘जिसने मेवाड़ को जीत लिया, उसने राजस्थान जीत लिया’ राजनीति में राजस्थान को लेकर ये कहावत काफी मशहूर है। शायद यही कारण है कि मेवाड़ में कांग्रेस से लेकर भाजपा तक, सभी सियासी दलों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। मेवाड़ के पुराने चुनावी परिणाम को देखें तो पाएंगे कि साल 2018 के रिजल्ट के अलावा पिछले सभी चुनावों में वही पार्टी सत्ता में है, जिसने इस संभाग में जीत हासिल की हो। साल 2003 में परिसीमन से पहले 25 सीटों में से भाजपा को 18 और कांग्रेस को 5 सीटें मिली थीं। इस बार भाजपा सत्ता में आई थी। साल 2008 में इस संभाग से कांग्रेस ने 19 और भाजपा ने 7 सीटें जीती थीं, इस बार राज्य में कांग्रेस सत्ता में आई थी। साल 2013 में 28 में से भाजपा ने 25 सीटें अपने नाम की थी, जबकि कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिली थी। उस वक्त राजस्थान में भी भाजपा की ही सरकार सत्ता में आई थी। साल 2018 में पहली बार ऐसा हुआ, जब भाजपा को 15 सीटें मिली और कांग्रेस को 10 सीटें, फिर भी राज्य में सरकार कांग्रेस बनी।