कुण्डली नदी निवासी राजेश पुत्र हीरालाल, शंभू पुत्र रामचन्द्र तथा प्रकाश पुत्र अर्जन योगी मजदूरी कर अपना पेट पालते है। ये कई सालों से अपने मकानों के पट्टे बनवाने के लिए चक्कर काट रहे थे लेकिन पट्टे नहीं बन पाये।
कुंडली नदी में प्रशासन गांवो के संग अभियान का कैम्प लगने की जानकारी होने पर ये तीनों शिविर में पहुंचे और मलारना डूंगर एसडीएम योगेश कुमार डागुर को बताया कि हमने सुना है कि इन शिविरों में सारे काम हो रहे हैं। एसडीएम ने उनके कागजात चैक कर बताया कि आपने सही सुना है, आपका भी पट्टा आज ही बनवा कर दूंगा।
1 घंटे के अंदर ही इन तीनों को एसडीएम ने पट्टे सौंपें तो इन्होंने बताया कि पट्टा मिलने से उनके मकान की कीमत बढ़ गई है। अतिरिक्त निर्माण करवाने के लिए लोन भी ले सकते हैं और स्वामित्व की गारंटी का दस्तावेज मिलने से वे अब चिंतामुक्त हो गये हैं। इसके लिये हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार प्रकट करते हैं।
सहमति से हुआ बंटवारा, झगड़े की जड़ हुई खत्म
कुण्डली नदी निवासी हरिमोहन पुत्र राधाकिशन ,लट्टू पुत्र हजारी, धनबाई पत्नी रामकेश, देवकिशन पुत्र छीतर,रामस्वरूप पुत्र जयकिशन अपनी साझे की जमीन का बंटवारा करना चाहते थे लेकिन कई महीनों से उनका काम नहीं बन पा रहा था। प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविर में सहमति से बंटवारा कर झगड़े की जड़ बनी समस्या का समाधान कर दिया गया है।
ये सभी कुण्डली नदी में आयोजित हुये शिविर में पहुंचे और मलारना डूंगर एसडीएम को अपनी समस्या बताई। एसडीएम ने कागजात चैक किये तथा कुण्डली हल्का पटवारी नदी को तकास्मा स्कीम तैयार करने के आदेश दिये। पटवारी हल्का ने मौके पर तकास्मा स्कीम तैयार की एवं मौके पर ही खातेदारो के बीच बंटवारा करवाया।
इस पर खातेदारों ने बताया कि जमीन के मामले में भविष्य में हमारे वारिसों के बीच अनबन और फसाद हो सकता था, आज हम चिन्तामुक्त हो गये हैं। हमारी जमीन का बटवारा होने से झगड़े फसाद की जड़ खत्म हो गई। हम राजस्थान सरकार को धन्यवाद देते हैं जिसने हमारे सोच फ़िक्र की और ये शिविर लगवाया। हमारे जैसे कई लोगों को आज इस शिविर का फायदा मिला।
रूपचंद को मिली अपनी पहचान
सलेमपुर निवासी रूपचन्द को अब उसका असली नाम मिल गया है। उसका वास्तविक नाम रूपचन्द ही है लेकिन जमाबंदी में सम्बंधित कार्मिकों की लापरवाही से कल्लू पुत्र कोरया दर्ज हो गया था। वह नाम शुद्धि के लिये सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा था लेकिन उसका काम नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने उसे बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रूपचन्द जैसे लाखों लोगों की ऐसी ही समस्याओं का मौके पर समाधान करवाने के लिये प्रशासन गांवों के संग अभियान चला रहे हैं तो रूपचन्द सलेमपुर कैम्प में पहुंचा तथा गंगापुर सिटी एसडीएम को समस्या सुनाई। एसडीएम ने तहसीलदार से मामले की जांच करवाई तथा शिविर में उपस्थित बडे-बुजुर्गों से फीडबैक लिया तो उन्होंने बताया कि इसका असली नाम रूपचन्द पुत्र कोरया ही है।
इस पर एसडीएम ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर उसका नाम कल्लू पुत्र कोरया के स्थान पर रूपचन्द पुत्र कोरया करने के आदेश किये। कैम्प में ही जमाबंदी में उसका नाम शुद्ध कर दिया गया। इस पर उसने मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया तथा एसडीम को बताया कि वास्तव में यह सरकार हमारे जैसे गरीब गुरबों की सभी समस्याओं का समाधान कर रही है।
प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा कर दिये निर्देश
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने आज शनिवार को कलेक्ट्रेट में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने प्रत्येक एसडीएम से शिविरों में किये गये कार्य, उपलब्धि, सामने आ रही चुनौतियों और उनके सम्भावित समाधान के सम्बंध में विस्तार से चर्चा कर निर्देश दिये कि मुख्य शिविर में किये जाने वाले कार्यों का पहले से ही प्लान तैयार कर लें और शाम 3 बजे तक सभी कार्य सम्पन्न कर परिवादियों की नियमानुसार सुनवाई करें।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जो कार्य शिविर में नहीं किये जा सके और 1-2 दिन या अधिक दिन मे निस्तारित किये जाने हैं, उनकी प्रतिदिन विभागवार समीक्षा करें। कलेक्टर ने 2 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित हुए शिविरों की समीक्षा कर फीडबेक लिया। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि गैर खातेदारी से खातेदारी अधिकार देने, पट्टा जारी करने, नामांतकरण, विभाजन, शुद्धिकरण, रास्तों सम्बंधी प्रकरण और अतिक्रमण हटाने पर विशेष जोर दें। बिजली कनेक्शन की पेंडिंग फाइल, झूलते तार, बिल सम्बंधी त्रुटि का जेवीवीएल से मौके पर समाधान करवायें।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि प्रत्येक विभाग के अधिकारी विवेक से काम करे जैसे कोई महिला अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने शिविर में आई है तो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते ही उसकी विधवा पेंशन स्वीकृत करवाये तथा अवयस्क बच्चें हैं तो पालनहार का लाभ दिलवायें। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मौसमी बीमारियों और डेंगू आदि के संबंध मे भी मॉनिटरिंग करें। फोगिंग, एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई जाए। चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से शिविर में लोगों को बीमारियों से बचाव एवं बरती जाने वाली सावधानियों के लिए जानकारी दिलवाए।
इसी प्रकार किसानों को डीएपी की उपलब्धता के संबंध में प्रभावी मॉनिटरिंग करें। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शिविर में वितरित कीे जा रही सुजस, जन घोषणा पत्र प्रति और फ्लैगशिप योजनाओं के फोल्डर सम्बंधी रजिस्टर का नियमानुसार संधारण करें तथा जिसे भी यह साहित्य दिया जाये उसके मोबाइल नम्बर भी अंकित करें ताकि उससे सरकारी योजनाओं के धरातल पर हो रहे क्रियान्यन से सम्बंधित फीडबैक राज्य सरकार द्वारा लिया जा सके।
अधिक से अधिक ग्रामीणों विशेषकर शिविर में लाभान्वित लोगों को सीएम सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेने तथा सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिये प्रोत्साहित करें।