व्यापारियों ने चाइनीज झालर व बल्ब से पूरी तरह से मुंह मोड़ लिया है। ऐसे में क्षेत्र के कुम्हारों की आस बढ़ गई है। दशहरा खत्म होते ही कुम्हार दीवाली की तैयारी में जुट गए हैं।
कस्बें में कुम्हारों के कई परिवार एक साथ रहते हैं। पूरा कुनबा सुबह से ही मिट्टी के दीये, खिलौने और मिट्टी के झालर बनाने में जुट जाते हैं। राम दयाल पॉटर बताते हैं कि इस साल मिट्टी के दीये की मांग पिछले वर्ष से अधिक है। व्यापारियों ने दशहरा के पहले ही बड़ी संख्या में आर्डर दे दिए हैं। विभिन्न आकृति में बनाए गए आकर्षक दीपक लोगों को लुभा रहे हैं। कुम्हार मिट्टी के बनाए सभी सामानों की रंगरोगन सहित अन्य तरह के सजावट में जुटे हैं।