कोविड -19 के संक्रमण की दूसरी लहर के व्यापक फैलाव से उत्पन्न चिकित्सकीय आपात स्थितियों के चलते सवाई माधोपुर जिले में भी माह अप्रैल में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट राजेन्द्र किशन ने निषेधाज्ञा धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में निजी, व्यावसयिक, व्यक्ति, संगठनों के पास उपलंबध ऑक्सीजन सिलेंडरों पर प्रभावी नियंत्रण, निगरानी के लिए प्रतिबंध लागू किए हैं। उन्होंने निषेधाज्ञा में बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण गम्भीर पीड़ित व्यक्तियों को ऑक्सीजन उपलब्धता की नितान्त आवश्यकता हो रही है। चूंकि सवाई माधोपुर जिले में निजी क्षेत्रों में ऑक्सीजन उत्पादन हेतु कोई संयत्र (प्लांट) भी स्थापित नहीं है, जिसके कारण भविष्य में ऑक्सीजन की चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को अनुपलब्धता या कमी भी हो सकती है। क्योंकि चिकित्सकीय ऑक्सीजन गैस का संग्रहण व परिवहन तरल ऑक्सीजन की अवस्था में सिलेण्डरों में ही किया जाना व्यवहार्य है। इसको ध्यान में रखते हुए जिले में निजी, व्यवसायिक, व्यक्ति या संगठनों के पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेण्डरों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है। जिसके अनुसार सवाई माधोपुर जिले में जिसके पास भी ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध है, सिलेण्डर उपलब्धता की सूचना दो दिवस में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट कार्यालय एवं जिला स्तर पर संचालित नियंत्रण कक्ष (दूरभाष नम्बर 07462-220201, 220602) पर देनी होगी तथा सिलेण्डर को संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट कार्यालय में जमा कराना होगा। ऑक्सीजन सिलेण्डर जमा कराते समय सिलेण्डर का प्रकार (छोटा/बड़ा) अथवा प्रकृति (बी टाइप/डी टाइप अथवा अन्य प्रकार) अनुसार लिखित में रसीद प्राप्त करेंगें। ताकि भविष्य में पुनः सुपुर्दगी के दौरान कोई विसंगति नहीं रहे।
निषेधाज्ञा आदेश में यह भी बताया कि यदि किन्ही अपरिहार्य परिस्थितियों में निजी व्यक्ति या संस्था को ऑक्सीजन सिलेण्डर स्वयं की कस्टडी में रखा जाना आवश्यक है तो संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ऑक्सीजन सिलेण्डर स्वयं की कस्टडी में रखे जाने हेतु पर्याप्त आधार के साथ अनुरोध प्रस्तुतीकरण कर उपखण्ड मजिस्ट्रेट की संतुष्टि उपरान्त अनुमति प्राप्त करेंगें। दो दिवस के उपरान्त जांच के दौरान किसी व्यक्ति या संस्था की कस्टडी में ऑक्सीजन सिलेण्डर पाये जाने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व अन्य सुसंगत प्रावधानो के अन्तर्गत दण्डनीय कार्यवाही की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि आदेश का जानबूझकर उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या समूह पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा। उक्त आदेश की पालना कराये जाने दायित्व पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर एवं संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को होगा।