चुनावी साल में गहलोत सरकार ने प्रदेश की 125 सेवाओं के तहत कार्यरत अधिकारी और कार्मिकों को साधने के लिए गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान में अब तीसरा बच्चा होने के बाद भी कर्मचारियों को पदोन्नति मिल सकेगी। आदेश के 1 जून 2002 के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर भी कर्मचारी-अधिकारी को प्रमोशन मिल सकेगा। कार्मिकों को प्रमोशन के साथ वेतन वृद्धि भी मिलेगी। हालांकि इससे पहले सरकार ने ऐसे कार्मिकों की पदोन्नति पर 3 साल तक बैन लगा रखा था। और उनको पदोन्नति और सैलेरी बढ़ोतरी का फायदा 3 साल देरी से मिल पाता था। प्रदेश में जब बीजेपी की सरकार थी और वसुंधरा राजे सिंधिया पहली बार सीएम बनी थी, तब साल 2004 में ये नियम लागू हुआ था।
उस वक्त सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर पदोन्नति को रोकने का फैसला लिया था। सरकार ने पदोन्नति समेत अन्य दूसरे लाभ भी 5 साल तक रोकने का फैसला लिया था। मतलब अगर कोई कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी 2005 में मिलना होता था तो उसे 1 जनवरी 2010 में दिया जाता था। इस दौरान उनकी सिलेक्शन ग्रेड को भी रोक दिया जाता था। लेकिन अब गहलोत सरकार ने इस नियम को बदलते हुए 2 से ज्यादा संतान होने के बाद भी पदोन्नति और सैलरी में बढ़ोतरी को नहीं रोका जाएगा।
2019 से ही मिलेगा लाभ
सरकार की नई अधिसूचना में कहा गया है कि इस तरह के मामलों में जिन कार्मिक की पदोन्नति 2019-20 लंबित है उन्हें उसी वर्ष से पदोन्नति का फायदा मिलेगा। वहीं जिन कार्मिक की पदोन्नति 2023-24 में लंबित है उनको इसी वर्ष से पदोन्नति का लाभ मिलेगा।