अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने की समीक्षा
जयपुर:- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जन-जन से जुड़ा विभाग है। विभाग के सभी अधिकारी एवं कार्मिक मानवीय एवं संवेदनशील एप्रोच के साथ काम करते हुए आमजन को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा में निर्धारित लक्ष्य शीघ्र पूरे किए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। उन्होंने निचले स्तर तक कोविड का प्रभावी प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने गत शनिवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा की प्रगति, कोविड प्रबंधन सहित चिकित्सा विभाग से जुडे़ अन्य विषयों पर समीक्षा कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज स्तर से लेकर सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता में किसी तरह की कमी नहीं रहे। राज्य सरकार के मूलमंत्र सबका साथ-सबका विश्वास-सबका विकास की सोच के साथ चिकित्सा विभाग से जुड़ी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
अधिकारी निचले स्तर तक संवाद कर लें फीडबैक:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश – दिए कि चिकित्सा संस्थानों में मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार हो। उन्हें गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध करवाने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में समुचित जानकारी संवेदनशीलता के साथ दी जाए। चिकित्सा संस्थान साफ-सुथरे हों।
बैड, दवा, जांच आदि की पर्याप्त उपलब्धता हो। चिकित्सा अधिकारी निचले स्तर तक संवाद कर फीडबैक प्राप्त करें, ताकि उन्हें वास्तविक स्थिति की जानकारी मिले सके और व्यवस्थाओं में अपेक्षानुरूप सुधार किया जा सके।
स्वास्थ्य शिविरों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाएं, प्रभावी मॉनिटरिंग करें:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने तथा जांच एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य शिविरों की हर स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। आमजन को इन शिविरों में ज्यादा इंतजार नहीं करना पडे़।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाए, ताकि हर पात्र व्यक्ति को इनका लाभ मिलना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सिर्फ आंकड़ों की खानापूर्ति ही नहीं हो, आमजन को गुणवत्तापूर्ण तरीके से लाभ मिले।
अधिक से अधिक लोगों को अंगदान की शपथ के लिए करें प्रोत्साहित:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए संबंधित नोडल अधिकारी फील्ड में जाएं। आयुष्मान भारत-चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत ई-केवाईसी के लक्ष्यों को शीघ्र हासिल किया जाए। साथ ही, यात्रा से संबंधित डाटा की विकसित भारत संकल्प यात्रा पोर्टल तथा आयुष्मान भवः पोर्टल पर नियमित रूप से एंट्री की जाए।
उन्होंने यात्रा के दौरान राजस्थान द्वारा अंगदान के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार पर विशेष जोर देते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को अंगदान की शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। यह एक नेक पहल है, जिसके माध्यम से कई लोगों को जीवन बचाया जा सकता है। साथ ही, एनीमिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शक्ति दिवस से संबंधित गतिविधियों को भी गति दी जाए।
कोविड संबंधी व्यवस्थाएं रहे चाक-चौबंद:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थान अलर्ट मोड पर रहें। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोविड के वर्तमान में सामने आए सॉर्स कॉव-2 जेएन-1 सब वैरिएंट का घातक प्रभाव देखने में नहीं आया है, लेकिन एहतियातन सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं चाक-चौबंद रखी जाएं।
ग्रेडेड रेस्पॉन्स सिस्टम (केसेज की संख्या के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता) के अनुसार एक्शन प्लान बनाएं। उन्होंने कोविड पॉजिटिव केस एवं इससे होने वाली मौत की तत्काल रिपोर्टिंग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसएआरआई एवं कोविड रोगियों की रिपोर्ट आवश्यक रूप से आईएचपीआई पोर्टल पर दर्ज की जाए।
मॉक ड्रिल की सूचनाओं का विश्लेषण कर उठाएं उचित कदम:-
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राजकीय अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी जांच, दवा, बैड, ऑक्सीजन सहित अन्य चिकित्सा सुविधाओं को परखने के लिए 26 दिसम्बर को पुनः मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल के बाद सूचनाओं को विश्लेषण कर उचित कदम उठाए जाएं।
उन्होंने एसएआरआई रोगियों की सतत निगरानी रखते हुए आवश्यकतानुसार कोविड टेस्ट कराए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि को-मॉरबिड रोगियों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना के लिए जागरूक किया जाए।
सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, अधीक्षक, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष, संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ, पीएमओ, आरटीपीसीआर लैब इंचार्ज, आईडीएसपी टीम, जिला क्षय रोग अधिकारी, सहायक औषधि नियंत्रक सहित चिकित्सा सेवाओं से जुडे़ ब्लॉक स्तर के अधिकारी वीसी से जुडे़।