नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएससएस) के प्रमुख मोहन भागवत के ‘सच्ची स्वतंत्रता’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने पेपर में पढ़ा कि मोहन भागवत ने कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तब मिली जब राम मंदिर बना।
पीएम मोदी और उन्होंने मिलकर इसका (राम मंदिर) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी समझते हैं कि उन्हें 2014 में आजादी मिली क्योंकि वो प्रधानमंत्री बने थे। आरएसएस के लोग राम मंदिर बनने के दिन को आजादी का दिन मानते हैं। ये शर्म की बात है। खड़गे ने कहा कि आजादी मिलने के बाद भी वो इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि वो लड़े नहीं और जेल नहीं गए। इस कारण इन्हें याद नहीं रहता। मैं मोहन भागवत के बयान की निंदा करता हूँ और वो वह इसी तरह का बयान देते रहे तो देश में उनका घूमना-फिरना मुश्किल हो जाएगा।
राहुल गांधी ने कहा कि कल आरएसएस के मुखिया ने कहा कि भारत को आजादी 1947 में नहीं मिली, बल्कि असली आजादी राम मंदिर बनने पर मिली। राहुल ने कहा कि मोहन भागवत के पास ये हिम्मत है कि वह हर 2-3 दिन में ये बताएं कि वह स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उनका कहना कि संविधान और स्वतंत्रता संग्राम अ*वैध थे। ये एक बहुत बड़ा अप*राध है। ऐसा कहना हमारे देश की स्वतंत्रता और हर भारतीय का अपमान है।
अगर ये बयान किसी और देश में दिया जाता तो भागवत को गिर*फ्तार कर न्यायिक कार्रवाई की जाती। मोहन भागवत का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वो कह रहे हैं कि अनेक शतकों से परिचक्र झलने वाले भारत के सच्चे स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा उस दिन हो गई थी। स्वतंत्रता थी, प्रतिष्ठित नहीं थी, क्योंकि भारत स्वतंत्र हुआ 15 अगस्त (1947) को, राजनीतिक स्वतंत्रता हमको मिल गई। हमारा भाग्य निर्धारण करना हमारे हाथ में आ गया, हमने संविधान भी बनाया, लेकिन उसके जो भाव हैं, उसके अनुसार संविधान चला नहीं।