रेलवे अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण मीडिया से बातचीत किए बिना हुए रवाना
सवाई माधोपुर: राजेश शर्मा- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को जयपुर, सवाई माधोपुर के एक दिवसीय दौरे पर रहे। रेल मंत्री के दौरे को लेकर पश्चिम मध्य रेलवे अधिकारियों द्वारा सवाई माधोपुर में मंत्री के साथ पत्रकार वार्ता का कार्यक्रम भेजते हुए कोटा, सवाई माधोपुर जिलों के पत्रकारों को दोपहर 2 बजे आमंत्रित किया गया था।
जिलेभर का मीडिया जब सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा तो अधिकारियो ने बताया कि मंत्री अभी जयपुर में ही है, 5 बजे तक आएंगे, लेकिन मंत्री साढ़े पांच बजे सवाई माधोपुर पहुंचे, तब तक समूचा मीडिया पहले तो रेलवे स्टेशन पर फिरता रहा। फिर अधिकारियों ने 5 बजे सारे मीडिया को स्टेशन से आधा किलोमीटर दूर जाने के लिए बोला कि मंत्री वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। रेलवे अधिकारियों की घोर लापरवाही उस वक्त नजर आई जब उन्हीं के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल पर भाजपा के लोगों ने कब्जा कर लिया और मीडिया के लोग पंडाल में बैठने की जगह ढूंढते रहे, लेकिन मीडिया को आमंत्रित करने वाले किसी एक भी अधिकारी ने ये तोहमत नहीं उठाई की जिस मीडिया को हमने आमंत्रित किया है, उसकी कोई व्यवस्था तो करें।
यही नहीं दो बजे से लेकर मंत्री के सवाई माधोपुर आने से लेकर जाने तक किसी अधिकारी ने पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की। सबसे ज्यादा दुर्भाग्य की बात ये रही की 5 घंटे मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार करने के बावजूद स्थानीय प्रिंट मीडिया और कई इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया के लोग तो मंत्री के दर्शन भी नहीं कर पाए और मंत्री भाजपाईयों का स्वागत सत्कार स्वीकार कर मीडिया से बिना बातचीत किए इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी के लिए रवाना हो गए।
इसके साथ ही अधिकारी भी मंत्री के साथ विशेष ट्रेन में बैठकर मीडिया को कुछ भी बताए बिना रवाना हो गए, जिन्होंने मीडिया को आमंत्रित किया था। उल्लेखनीय है की रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव मंगलवार को सवाई माधोपुर में रेलवे की नई तकनीक कवच 4.0 का उदघाटन करने आये थे। मंत्री के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी।
उसी कार्यक्रम के अनुरूप रेल अधिकारियों ने मीडिया के लिए किस तरह की और क्या व्यवस्था की जानी है, को लेकर सारे मीडिया के लोगों की उपस्थिति एक पेपर पर लेकर उनके नाम पते और मोबाइल नम्बर लिए गए थे। उस सूची का भी अधिकारियों ने क्या और कहा उपयोग किया होगा। ये भी उन्हें ही पता होगा। बरहाल रेलवे प्रशासन ने मीडिया के साथ जो किया बहुत ही अशोभनीय एवं निंदनीय है।