राजस्थान में कांग्रेस के गहलोत पक्ष ने राज्यपाल के यहां धरना देकर लोकतंत्र का व संविधान का अपमान किया है जिसके लिए वे राज्य के ही नहीं संपूर्ण देश के अपराधी है। कांग्रेस का गहलोत खेमा अब अपनी सरकार व पार्टी को एक बनाये रखने मे असफलता को छिपाने के लिए स्वयं सत्ता लोलुपता की आड़ में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करके राज्य में अराजकता फैला रहे हैं। ऐसे में केंद्र को राज्य में हस्तक्षेप करना चाहिए।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी दीनदयाल मथुरिया ने बताया कि यह बात कांग्रेस के द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने एक वक्तव्य में कही। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. भरत लाल मथुरिया, जिला महामंत्री आचार्य लोकेंद्र शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश चंद जैन एवं विरेंद्र सिंह भाया सहित अनेक भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि राजस्थान में गहलोत की सरकार अपनी पार्टी के अंदर अविश्वास से दुखी व पीड़ित है। कांग्रेस राज्य में सरकार चलाने का नैतिक अधिकार समाप्त कर चुकी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि इस प्रकार के आरोपित मुख्यमंत्री अपनी सत्ता को बचाने के लिए राजभवन में जाकर के धरना प्रदर्शन करते हुए ईंट से ईंट बजाने व करोड़ों लोगों द्वारा प्रदर्शन करने की बात कहकर के लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं तथा कोरोना एडवाइजरी का उल्लंघन करते हुए राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने राज्यपाल एवं केंद्र सरकार से राज्य के हालात में शीघ्र हस्तक्षेप कर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया है तथा मांग की है कि यदि गहलोत सरकार इसी प्रकार धरना और प्रदर्शन पर आमादा रहती है तो बर्खास्त करके राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में बिजली, पानी, कोरोना एवं कानून व्यवस्था के हालात बिगड़े हुए हैं इन्हें दबाने एवं अपनी असफलता छिपाने के लिए यह सारा नाटक कर रहे हैं। उन्हें स्वयं नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए।