नई दिल्ली: आज बुधवार को संसद की कार्यवाही फिर हं*गामे के साथ शुरू हुई। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर हं*गामा हुआ है। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी है। सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। कार्यवाही के पांच मिनट बाद जगदीप धनखड़ के एक बयान के बाद हं*गामा शुरू हो गया। जगदीप धनखड़ ने कहा कि, “नियम 267 के तहत मुझे पांच नोटिस मिले हैं।
संसद की कार्यवाही के लिए बने नियमों के अनुसार नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव पेश किया जाता है। यह प्रस्ताव किसी जरूरी मुद्दे पर चर्चा के लिए लाया जाता है। हं*गामे के वक्त केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में 72 साल बाद किसान के बेटे ने उपराष्ट्रपति के पद पर पहुंचकर देश की सेवा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस राज्यसभा के सभापति के तौर पर जिस तरह से उपराष्ट्रपति ने सदन की गरिमा को बनाए रखा है, उसे पूरा देश देख रहा है।
हम शुरू से देख रहे हैं कि विपक्ष के लोग ना तो लोकतंत्र को मानते हैं और ना ही चेयर की गरिमा रखते हैं। रिजिजू ने कहा कि आप लोग अगर चेयर को इज्जत नहीं दे सकते हैं तो इस सदन के सदस्य होने के लायक नहीं है। हम शपथ लेकर आए हैं, उपराष्ट्रपति के पद की गरिमा पर अगर आप लोग ह*मला करेंगे तो हम बिल्कुल बचाव करेंगे।
आप भारत को नुकसान पहुंचाने वालों के साथ खड़े रहते हो और फिर चेयरमैन साहब (सभापति) को नोटिस देते हो। इसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। किरेन रिजिजू के बोलने के बाद जेडीएस के सांसद एचडी देवगौड़ा ने कहा कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर बात करना चाहता है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि इधर (विपक्ष) बैठे सभी लोग संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं। ये आंबेडकर का संविधान बदलना चाहते हैं।