Wednesday , 3 July 2024
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संस्कृत व्याकरण आचार्य में गोल्ड मेडल पाने वाली अस्मत परवीन बनी राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम

मिलिए इनसे यह हैं अस्मत परवीन शिरवानी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बौंली की रहने वाली। मजहब भले ही इनका इस्लाम हो, लेकिन संस्‍कृत भाषा पर इनकी जबरदस्त पकड़ है। यही वजह है अस्मत परवीन राजस्थान की यह एक इकलौती मुस्लिम युवती है, जिन्होंने संस्‍कृत व्याकरण आचार्य परीक्षा में टॉप किया है। मुस्लिम परिवार में पैदा होने वाली अस्मत द्वारा संस्‍कृत व्याकरण आचार्य परीक्षा में गोल्ड मेडल हासिल करने की उनकी पूरी कहानी प्रेरणादायक है। परीक्षा के दौरान अस्मत को जलील भी होना पड़ा था। उसी वक्त टॉपर अस्मत ने टॉपर बनने की ठान ली थी।

Sawai Madhopur Bonli Resident Asmat Parveen became the only Muslim in Rajasthan to get a gold medal in Sanskrit Grammar Acharya

सवाई माधोपुर जिले की बौंली निवासी है अस्मत परवीन:- अस्मत परवीन शिरवानी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की बौंली कस्बे की रहने वाली हैं। पहले मदरसे में उर्दू पढ़ी और फिर उसके बाद संस्‍कृत में शिक्षा प्राप्त की। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्‍कृत विश्वविद्यालय ने संस्‍कृत व्याकरण आचार्य में गोल्ड मेडल पाने वाले 14 लोगों की सूची जारी की है, जिसमें अस्मत परवीन शिरवानी का नाम भी शामिल है।

परीक्षा सेंटर पर पांच मिनट देरी से पहुंची थी अस्मत:- मीडिया से बातचीत में अस्मत ने बताया कि संस्‍कृत कॉलेज में टॉप करने के बाद उसने संस्‍कृत आचार्य व्यावकरण विषय लिया था। जयपुर, शाहपुरा बाग में परीक्षा केंद्र था। परीक्षा देने के लिए वह एक दिन पहले ही जयपुर पहुंच गई थी। परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में वह पांच मिनट लेट हो गई थी। पहले तो पांच मिनट की देरी हुई और फिर उसके बाद उसका सब्जेक्ट चेंज का विवाद हो गया।

पूरे 25 मिनट बाद मिली परीक्षा की मंजूरी:- दोनों ही बातों को लेकर सेंटर के लोग अस्मत परवीन से काफी नाराज हो गए थे। उसे परीक्षा देने से रोका जा रहा था और सेंटर के गेट भी बंद कर दिए गए थे। तब सेंटर के बाहर खड़े खड़े अस्मत रोने लगी तो 20 से 25 मिनट बाद उसे परीक्षा में बैठने की मंजूरी मिल ही गई। अस्मत ने रोते-रोते हुए पेपर दिया।

अस्मत को बेइज्जत करके टॉप करने के लिए उकसाया:- अस्मत ने पेपर देते समय ही यह तय कर लिया था कि वह परीक्षा पूरी मेहनत और लगन के साथ देगी ताकि सबको बता सके कि जो लोग जिस लड़की को सेंटर के बाहर खड़ा रखकर सबके सामने जलील किया था, वो टॉपर है। अस्मत कहती है कि मेरे टॉपर बनने में सेंटर वालों का
बहुत बड़ा हाथ है। सेंटर ने मुझे बेइज्जत करके टॉप करने के लिए उकसाया।

अस्मत के पिता रहे है सरकारी टीचर:- अस्मत परवीन के पिता मंजूर आलम शिरवानी सरकारी स्कूल में टीचर हैं। पिछले दिनों प्राचार्य पद पर सेवाएं देते हुए उन्होंने वीआरएस ले लिया था। अस्मत के छह भाई-बहन है। तीसरे नंबर की बेटी खुद अस्मत है और उनके रिश्तेदारों ने भी संस्‍कृत से पढ़ाई की है। मगर गोल्ड मेडल अस्मत ने ही हासिल किया है।

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