एक फरवरी से 7 फरवरी तक आयोजित होगा कृमि मुक्ति मॉप अप राउंड
कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और बौद्धिक विकास पर होने वाले हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा कृमि मुक्ति दिवस का मॉप अप राउंड 1 फरवरी से 7 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पेट के कीडे मारने की दवाई खाने से वंचित रहे बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। अभियान का शुभारंभ जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने आज मंगलवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बजरिया में बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिला कर किया।
इससे पूर्व राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन अक्टूबर माह में किया जा चुका है। निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त (डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। राज्य में 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्त करने हेतु राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों (शहरी एवं ग्रामीण), उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं शहरी क्षेत्र में अरबन पीएचसी के माध्यम से 1 से 19 वर्ष के बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पूरी तरह पीस कर स्वच्छ पानी में मिलाकर चम्मच से पिलाई जाएगी, 2 से 3 वर्ष तक के बच्चे एक पूरी गोली (चूरकर पानी के साथ) तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चे पूरी एक गोली (चबाकर पानी के साथ) खिलाई जायेगी। किसी भी बच्चे अथवा परिवारजन को गोली घर ले जाने के लिए नहीं दी जाएगी। एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने ही बच्चों को गोली खिलाएगी। उन्होंने बताया कि पेट के कीडे मारने वाली दवाई एलबेंडाजॉल पूर्ण सुरक्षित है। यह बच्चों में कुपोषण से लड़ने के लिए कारगर दवा है। पेट के कीडे मरने से बच्चों में कुपोषण और खून की कमी से निजाद मिलती है।
इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. तेजराम मीणा, एडिशनल सीएमएचओ डॉ. कैलाश सोनी, डॉ.संदीप शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधींद्र शर्मा, यूपीएम विनोद शर्मा, डिस्ट्रिक्ट आईईसी कोऑर्डिनेटर प्रियंका दीक्षित मौजूद रहे।