प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी सीजन 2021-22 के लिए किसान फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक करवा सकते है। इसके लिए जागरूकता रथ के माध्यम से किसानों को जानकारी देकर जागरूक भी किया जा रहा हैं। जागरूकता रथों को जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने गांव-गांव के लिए रवाना किया है। किसान रबी फसलों का बीमा 31 दिसम्बर 2021 तक करा सकते है। उप निदेशक कृषि रामराज मीना ने बताया कि कुल बीमित राशि का 1.5 (डेढ़) प्रतिशत प्रीमियम किसानों को जमा करना पड़ेगा।
जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सरकार ने रबी फसलों के लिए बीमा करने की अधिसूचना जारी कर दी है। रबी फसलों के बीमा कराने कि अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2021 है। उप निदेशक कृषि ने बताया कि जिन किसानों को अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाना है, वे किसान सम्बंधित बैंक में 24 दिसम्बर तक लिखित में घोषणा पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इस वर्ष से फसलों का बीमा करवाना किसानों के लिए पूर्णतया स्वैच्छिक है। किसान अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए बाध्य नहीं है। रबी फसल मौसम में बीमा हेतु जिले के लिए बजाज एलाइंस जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।
फसल बीमा योजना में फसलों की बुवाई से कटाई तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के उत्पादन में होने वाली कमी के अनुसार सम्बंधित बीमित किसानों को फसलों में हुए नुकसान का क्लेम देने का प्रावधान है। रबी फसलों के बीमा हेतु किसानों को कुल बीमित राशि का केवल 1.5 प्रतिशत ही प्रीमियम के रूप में जमा करना है।
शेष राशि केंद्र व राज्य सरकार जमा कराएगी। जिले में रबी मौसम हेतु अधिसूचित फसलों की कुल बीमित राशि व कृषक द्वारा जमा कराने वाली प्रीमियम राशि चना हेतु रुपए 1042.57 प्रति हेक्टेयर है इसकी बीमित राशि रूपए 69 हजार 505 प्रति हैक्टेयर है। सरसों हेतु प्रीमियम राशि रुपए 1037.71 प्रति हेक्टेयर व बीमित राशि रुपए 69 हजार 181 प्रति हैक्टेयर है एवं गेहूँ हेतु प्रीमियम राशि रुपए 1092.63 प्रति हैक्टर है व बीमित राशि रुपए 72 हजार 842 प्रति हैक्टर है।
ऋणी, गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी करा सकते है अपनी फसलों का बीमाः-
उप निदेशक ने बताया की जिन किसानों ने रबी 2021 हेतु क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक, सहकारी बैंक एवं सहकारी समितियों से 31 दिसम्बर 2021 तक अल्पकालीन फसली ऋण लिया है, वे किसान सम्बंधित संस्था से अपनी फसलों का बीमा करवाएं। गैर ऋणी एवं बटाईदार कृषक भी नजदीकी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, ई-मित्र या अन्य बैंकों के माध्यम से अपने खाते से 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि कटवाकर फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
बटाईदार कृषकों को मूल खातेदार से इस विषय में शपथ पत्र देना होगा। गैर ऋणी कृषकों को बीमा करवाने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी की नकल, पटवारी द्वारा जारी बुवाई प्रमाण पत्र आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर बैंक या नजदीकी ई-मित्र कियोस्क पर जाकर फ़सलों का बीमा करवाएं।
गारंटी से कम पैदावार होने पर मिलता है फसल बीमा क्लेमः-
फसल बीमा योजना के तहत बीमित फसलों की उपज यदि गारंटी उपज से कम होती है, तो राज्य सरकार द्वारा आयोजित फसल कटाई प्रयोग के आधार पर उपज के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बीमित फसलों का क्लेम सम्बंधित किसानों को बीमा कम्पनी द्वारा दिया जाता है।
प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में नुकसान होने पर बीमा क्लेमः-
कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों से खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग, बिजली गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर एवं बवंडर से होने उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त उपज आंकड़ों के आधार पर एवं फसल कटाई उपरांत सूखने के लिए खेत में काटकर फैलाकर छोड़ी गई फसल को कटाई के बाद 14 दिन तक चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान होने वाले नुकसान का क्लेम व्यक्तिगत आधार पर देय है।
बीमित फसलों में नुकसान होने पर 72 घण्टे में कम्पनी के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत दर्ज कराएः-
बीमित फसलों में प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने पर किसान फसल बीमा कम्पनी बजाज एलियांज जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के टोल फ्री नम्बर नम्बर 18002095959 पर फसल खराब होने के 72 घण्टे के अंदर शिकायत दर्ज कराएं या सात दिवस तक लिखित में सम्बंधित बैंक शाखा, कृषि विभाग या बीमा कंपनी को दे सकते हैं।