मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में लगातार कमी आने और स्थिति के नियंत्रण में रहने के दृष्टिगत आगामी 8 फरवरी से स्कूलों को कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों और कॉलेजों को स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए हैल्थ प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना की शर्तों के साथ खोलने का निर्णय लिया है। साथ ही, सभी सिनेमा हॉल, थियेटर और स्विमिंग पूल आदि भी खुल सकेंगे। सामाजिक एवं अन्य आयोजनों में 200 लोगों तक उपस्थिति की छूट होगी।
गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई कोरोना संक्रमण और टीकाकरण अभियान की समीक्षा बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में पटाखों की दुकानों तथा विभिन्न धर्मों के मेलों के आयोजन के विषय में पूर्व में लगाए गए प्रतिबन्धों में शिथिलता देने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार करने का भी निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी भी पूरी तरह टला नहीं है। ऐसे में, सभी को अभी भी अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
गहलोत ने अधिकारियों को स्कूलों-कॉलेजों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ने पर संक्रमण को रोकने के लिए प्रोटोकॉल की पालना के प्रति अधिक सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों को कक्षा 9 से 12 तक विद्यार्थियों की तरह कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों के लिए भी 50 प्रतिशत उपस्थिति सहित हैल्थ प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना करने की शर्त के साथ ही खोलने की अनुमति होगी। इसी प्रकार, कॉलेजों के लिए भी अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के सम्बन्ध में पूर्व में लागू 50 प्रतिशत उपस्थिति सहित अन्य शर्तें प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के लिए विद्यार्थियों के लिए लागू होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिनेमा, थिऐटर, मल्टीप्लेक्स आदि को कुल क्षमता की 50 प्रतिशत सीटों तक ही खोलने की अनुमति होगी। उन्होंने अधिकारियों को केन्द्र सरकार द्वारा कुंभ मेले के लिए जारी दिशा-निर्देशों (एसओपी) के अनुरूप ही प्रदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न धार्मिक मेलों के लिए नए एसओपी जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह समारोह के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना और अन्य सामाजिक आयोजनों के लिए जिला कलेक्टर को पूर्व सूचना देने तथा सभी हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना की शर्त के साथ अब ऐसे आयोजनों में आगन्तुकों की उपस्थिति 200 व्यक्ति तक रह सकेगी।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में हैल्थकेयर वर्कर्स के कोविड टीकाकरण अभियान में और अधिक तेजी लाकर लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में टीकाकरण अभियान का संचालन बेहतरीन है, लेकिन जयपुर एवं जोधपुर सहित कई जिलों में अभियान की गति धीमी है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और देशभर में लाखों हैल्थकेयर वर्कर्स को लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द हासिल करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। टीकाकरण के दूसरे चरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूचियों सहित सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और रविवार को केवल 95 पॉजिटिव केसेज आए हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में पॉजिटिविटी दर मात्र 5.44 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। साथ ही, रिकवरी रेट 98.42 प्रतिशत पहुंच गई है और वर्तमान में पूरे प्रदेश में केवल 2260 व्यक्ति ही कोरोना पॉजिटिव है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण के दूसरे चरण के लिए भी सभी तैयारियां की जा रही हैं और इसके लिए अगले सप्ताह “ड्राइ रन” भी किया जाएगा।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि राजस्थान में कोरोना संक्रमण लगभग अपने अन्तिम समय में है। स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के कोविड अस्पताल में बीते एक सप्ताह में एक भी मृत्यु नहीं हुई है। अस्पताल में केवल 5 प्रतिशत बेड पर ही मरीज हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान भी सफलतापूर्वक चल रहा है और प्रदेश में वैक्सीन का साइड-इफेक्ट भी नहीं देखा गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न अस्पतालों में नॉन-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं भी गति पकड़ रही हैं।
प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने कोरोना प्रबंधन के विषय में केन्द्र सरकार से प्राप्त नए दिशा-निर्देशों तथा प्रदेश में संक्रमण पर नियंत्रण के लिए आगामी कार्ययोजना पर प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्माए मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा, सूचना जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।