नई दिल्ली: मुंबई की विशेष अदालत ने शनिवार को एंटी करप्शन ब्यूरो को आदेश जारी किया है। अदालत ने कहा है कि सेबी की पूर्व प्रमुख माधवी पुरी बुच समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार यह मामला शेयर बाजार में धो*खाधड़ी और नियामक उल्लंघन से जुड़ा है। एक स्थानीय पत्रकार की याचिका पर यह आदेश जज शशिकांत एकनाथ राव ने दिया है।
पत्रकार ने अपनी याचिका में कथित तौर पर माधवी पुरी बुच समेत अन्य लोगों के बड़े पैमाने पर हुई वित्तीय धो*खाधड़ी, नियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार में शामिल होने के कथित अप*राध की जांच की मांग की थी। इससे पहले, सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज़ बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) की चेयरपर्सन के तौर पर माधवी पुरी बुच ने शुक्रवार को तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को बाजार नियामक सेबी का ग्यारहवां चेयरमैन नियुक्त किया।
बुच पर क्या-क्या आरोप लगे?
अमेरिका की शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उन पर और उनके पति पर आरोप लगाए थे। रिसर्च कंपनी का आरोप है कि उन्होंने उस विदेशी फ़ंड में निवेश किया था जिसका इस्तेमाल अदानी ग्रुप ने किया था और इस वजह से सेबी अदानी के खिलाफ खातों की धो*खाधड़ी और बाजार के हेरफेर के आरोपों की जांच से हाथ पीछे खींच रहा है।
कांग्रेस ने भी बुच पर आरोप लगाए थे कि वो उस कंपनी से किराए की आय ले रही थीं, जिसके खिलाफ जांच कर रही हैं। पार्टी का आरोप था वो जिस आईसीआईसीआई बैंक में पहले काम किया करती थीं, उससे नौकरी के बाद भी आर्थिक लाभ ले रही थीं।