Saturday , 30 November 2024

बाल अधिकारों, बाल संरक्षण एवं बिल्डिंग ए साइबर क्राइम फ्री नेशन विषय पर सेमीनार का हुआ आयोजन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर एवं प्रत्यन संस्था राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आज मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर की सचिव श्वेता गुप्ता की अध्यक्षता मे बिल्डिंग ए साइबर क्राइम फ्री नेशन एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं सरंक्षक) संशोधित अधिनियम 2021, बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधित अधिनियम 2016 एवं पीड़त प्रतिकर योजना के संबध में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन ए.डी.आर सेन्टर जिला न्यायालय परिसर सवाई माधोपुर में किया गया। सेमीनार आयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्ष श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर, विशिष्ट अतिथि डॉ. सूरज सिंह नेगी अतिरिक्त जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर व दीपक गर्ग, डिप्टी यातायात (सवाई माधोपुर पुलिस साइबर सेल प्रतिनिधि), मुख्य अतिथि अरविन्द कुमार प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड सवाई माधोपुर एवं अन्य अधिकारीगण ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किय गया।

 

 

सेमीनार की अध्यक्षता कर रही श्वेता गुप्ता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने बताया कि बाल अधिकारों की पालना करते हुए बच्चों को शिक्षा से पुनः जोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है। बिल्डिंग ए साइबर क्राइम फ्री नेशन एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं सरंक्षक) संशोधित अधिनियम 2021, बाल श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) संशोधित अधिनियम 2016 एवं पीड़ित प्रतिकर योजना विषय पर बच्चों को प्रत्यन संस्था राजस्थान के द्वारा विभिन्न योजना, कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सेमिनार में वीडियों केे माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए उन विषयों पर विचार-विमर्श किया गया है।

 

 

सेमीनार के मुख्य अतिथि अरविन्द कुमार प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड सवाई माधोपुर ने जेजे एक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि जब किसी बच्चे द्वारा कोई कानून विरोधी या समाज विरोधी कार्य किया जाता है तो उसे किशोर अपराध या बाल अपराध कहते है। कानूनी दृष्टिकोण से बाल अपराध 8 वर्ष से अधिक तथा 16 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया कानूनी विरोधी कार्य है जिसे कानूनी कार्यवाही के लिए बाल न्यायालय के समक्ष उपस्थित किया जाता है। भारत में बाल अधिनियम के जगह पर 1986 में पहली बार जुवेनाइल जस्टिस एक्ट बना। इसके अनुसार 16 वर्ष तक की आयु के लडको एवं 18 वर्ष तक की आयु की लडकियों के अपराध करने पर बाल अपराधी की श्रेणी में सम्मिलित किया गया है।

 

Seminar organized on the topic of Child Rights, Child Protection and Building a Cyber ​​Crime Free Nation

 

विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेग ने बताया कि साइबर अपराध एक आपराधिक कृत्य है जो इंटरनेट के माध्यम से कम्प्यूटर के उपकरण या किसी अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करते हुए इस काम को अंजाम दिया जाता है। हैकर या अपराधीयों के पास इस अपराध को करने के विभिन्न उद्देश्य होते है। वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन या सरकार को भी नुकसान पंहुचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं। साथ ही दीपक गर्ग डिप्टी यातायात पुलिस साइबर क्राइम सेल प्रतिनिधि सवाई माधोपुर ने बताया कि साइबर अपराध के कई उदाहरणों में धोखाधड़ी, पहचान की चोरी,साइबर स्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाना या भेजना या फिर पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना, आदि शामिल है।

 

 

ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग उन्हे पैसे कमाने का एक आसान तरीका मानते है। यहां तक कि बहुत से पढ़े-लिखे और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल होते है। अपने दिमाग को सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय वे साइबर अपराधिक गतिविधियो मे खुद को नियुक्त करते है। दिन-प्रतिदिन यह हमारे समाज और राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव ने बताया कि पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत प्रत्येक राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार के समन्वय से पीड़ित या उसके आश्रितों को, जिनको अपराध के परिणामस्वरूप हानि या क्षति पहुंची है तथा जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, को प्रतिकर प्रदान करने के प्रयोजन के लिए निधि के लिए योजना तैयार करेगी। जब कभी न्यायालय द्वारा प्रतिकर के लिए सिफारिश की जाती है, तो यथास्थिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की उपधारा (1) में निर्दिष्ट योजना के अधीन अधिनिर्णीत किये जाने वाले प्रतिकर की मात्रा का विनिश्चय करेगा।

 

यथास्थिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पीड़ित की यातना को कम करने के लिए तुरन्त प्राथमिक चिकित्सा सुविधा या चिकित्सीय लाभ के लिए आदेश कर सकते है जो कि थाने के भारसाधक अधिकारी से अनिम्न श्रेणी के पुलिस अधिकारी या संबंधित क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के प्रमाण पत्र पर मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। सेमीनार के अन्त में मुख्य वक्ता राजेश कुमार तिवारी एड़वोकेसी ऑफिसर प्रयत्न संस्था द्वारा बाल अधिकारों एवं बाल संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी गई एवं साईबर क्राइम के दुष्परिमाण एवं साईबर क्राइम की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी तथा सेमीनार में पधारे सभी अतिथियों, पैरालीगल वॉलेन्टियर्स, पुलिस अधिकारीगण, एनजीओ प्रतिनिधिगण, समाजिक कल्याण अधिकारी एवं अन्य प्रतिभागिगण का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

About Vikalp Times Desk

Check Also

Comment on social media, now apologized in Sawai Madhopur

सोशल मीडिया पर की टिप्पणी, अब मांगी माफी

सवाई माधोपुर: सोशल मीडिया पर समाज के एक वर्ग के विषय में की गयी टिप्पणी …

महिला थाना पुलिस ने दु*ष्कर्म के आरोपी को दबोचा

महिला थाना पुलिस ने दु*ष्कर्म के आरोपी को दबोचा       सवाई माधोपुर: सवाई …

Villagers forced to walk in mud in shivad sawai madhopur

कीचड़ में चलने को मजबूर ग्रामीण

सवाई माधोपुर: जिले की ग्राम पंचायत महापुर के ग्रामीणों को मार्ग में गंदगी कीचड़ के …

Supporter of Dr. Kirori Lal Meena facebook Sawai Madhopur News 28 nov 24

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक ने कराया केस दर्ज

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक ने कराया केस दर्ज       सवाई माधोपुर: …

Kundera Sawai Madhopur Police News 28 Nov 24

5 हजार का इनामी बद*माश अनिल मीना गिर*फ्तार

सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिले की कुण्डेरा थाना पुलिस ने 5 हजार रुपए के इनामी …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !