नई दिल्ली: सावरकर पर विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ आप*राधिक मानहानि की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने की।
लाइव लॉ के अनुसार , जस्टिस दत्ता ने राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा क्या आपके क्लाइंट को पता है कि महात्मा गांधी ने भी वायसराय को संबोधित करते समय आपका वफादार सेवक शब्द का इस्तेमाल किया था? जस्टिस दत्ता ने कहा कि उन्हें (राहुल गांधी) स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। आपने एक अच्छा कानूनी मुद्दा उठाया है और आपको स्टे का हक भी है।
हमें यह मालूम है, लेकिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता। जब आपको भारत के इतिहास या भूगोल की जानकारी ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वो एक सम्मानित व्यक्ति हैं, एक राजनीतिक दल के नेता हैं। तो फिर ऐसे मामलों को क्यों भड़*काते हैं? आप अकोला जाकर ऐसा बयान देते हैं, जहां सावरकर की पूजा की जाती है? ऐसा मत कीजिए। आप ऐसा बयान क्यों देते हैं?। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान साल 2022 में सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने महाराष्ट्र में आयोजित एक रैली में वीर सावरकर को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा था।