नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को संभल की जामा मस्जिद परिसर में स्थित कुएं की स्थिति में कोई बदलाव नहीं करने के आदेश दिए है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मस्जिद कमिटी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि संभल जिला प्रशासन पुराने मंदिरों और कुएं को पुनर्जीवित यानी फिर से शुरू करने के लिए एक कथित अभियान चला रहा है।
मस्जिद कमिटी ने दलील दी है कि रिपोर्ट से संकेत मिलता है ऐसे कम से कम 32 पुराने मंदिरों को पुनर्जीवित किया गया है, जिनमें अब कोई पूजा-अर्चना नहीं होती या जो बंद हैं। वहीं 19 ऐसे कुओं की भी पहचान की गई है जिन्हें सार्वजनिक प्रार्थनाओं/उपयोग के लिए चालू किया जा रहा है। कमिटी ने यह भी कहा है कि संभल की मस्जिद का कुआं भी इस सूची का हिस्सा है। इस कुएं का आधा हिस्सा मस्जिद में है। इसलिए कमिटी ने कोर्ट से ये अपील की है कि वो ये निर्देश दे कि अदालत के आदेश के बिना इस कुएं के मामले में कोई कदम न उठाया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 21 फरवरी को करेगा।
मस्जिद कमिटी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि संभल नगर पालिका के नोटिस में मस्जिद को हरि मंदिर बताया गया है और इसमें जल्द ही पूजा करना शुरू किया जा सकता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं होने दिया जाएगा, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा। हालांकि बेंच ने हुजैफा अहमदी से कहा कि उन्हें कुएं से दूसरों को पानी लेने की अनुमति देनी होगी। इस पर हुजैफा अहमदी ने आशंका जताई कि कुंए को खोदा जा सकता है। इसके जवाब में सीजेआई ने मौखिक रूप से कहा कि इसकी इजाजत नहीं है।