निरंकारी सत्संग भवन पर भक्ति पर्व समागम के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए प्रचारक महात्मा ने अपने विचारों में कहा “भक्ति दिखावे का नाम नहीं, भक्ति पहरावे का नाम नहीं, भक्ति नाम समर्पण का भक्ति में शर्तें मंजूर नहीं” और इसी संदर्भ में सद्गुरु माता जी ने अपने …
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