पंचायती राज मंत्री ने ग्रामीण विकास की योजनाओं की समीक्षा की
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने आज बुधवार को जिला परिषद सभागार में अपने विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभिन्न विकास एवं व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय सीमा के सम्बंध में समीक्षा की। विभाग के मुख्यालय से आये अधिकारियों की 4 टीमों द्वारा मंगलवार को जिले में किये गये औचक निरीक्षण और जॉंच की रिपोर्ट पर भी बैठक में समीक्षा की गई। पंचायती राजमंत्री ने निर्देश दिए कि गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए।
अधिकारी अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किये गए गुणवत्ता परीक्षण को खुद भी रैंडमली चौक करें अन्यथा गड़बड़ी मिलने पर माना जाएगा कि वरिष्ठ अधिकारी की भी भागीदारी है। उन्होंने बताया कि खिचलीपुर में इंटर लॉकिंग में गुणवत्ता व मानक के उल्लंघन पर जॉंच के निर्देश दिये गए हैं। सारसोप में खेल मैदान के लिये निचले इलाके में भूमि चिन्हित की गई, इसके भराव व समतलीकरण करने में बहुत राशि खर्च होगी, इसके लिये दूसरी भूमि तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा में अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करवाएं। इस बिन्दु में खंडार जिले में प्रथम स्थान पर है, बामनवास में प्रगति के निर्देश दिए।
चालू वित वर्ष में मनरेगा में 137 करोड़ रू व्यय हुये हैं। औसत मजूदरी को बढ़ाने के लिये उपस्थिति दर्ज करने के लिये थम्ब इम्प्रेशन मशीन मेट को उपलब्ध करवायी जाएगी ताकि प्रभावशाली लोग बिना काम किए भुगतान न प्राप्त कर सके। इससे वास्तविक कार्य करने वालों को बेहतर मजदूरी मिल सकेगी। उन्होंने रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन की संख्या शून्य करने के भी निर्देश दिए। पीएम आवास में किसी भी पात्र को योजना से वंचित न करने व लाभार्थी को समय पर भुगतान करने के निर्देश दिये। पंचायती राज मंत्री ने राजीविका और जल संरक्षण के कार्य ग्राम सभा में व्यापक विमर्श के बाद स्वीकृत करने के निर्देश दिए ताकि पात्र लोगों को पता चले कि उनके क्षेत्र में कौनसी योजना चलने वाली है तथा वे इसका कैसे लाभ उठायें या जनसहयोग करें।
उन्होंने शौचालय निर्माण पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के जिले में लम्बित सभी 968 प्रकरणों का जल्द निस्तारण करने, इस वित्त वर्ष में निर्मित हो रहे सभी 144 सामुदायिक शौचालयों का गुणवत्ता के साथ समय सीमा में निर्माण करने तथा ऐसे सभी शौचालयों में पानी की टंकी रखने, साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके लिये बड़े गांवों में स्वच्छता मित्र नियुक्त करने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी मानकों की पूर्ण पालना के बाद ही किसी गांव को ओडीएफ प्लस घोषित किया जाए अन्यथा ग्रामीणों को इसके उद्देश्यों का पता ही नहीं चलेगा। उन्होंने एमपी फंड और एमएलए फंड के कार्यों में अधिक से अधिक कंवर्जेंस करने के निर्देश दिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा बजट उपलब्ध हो।
ग्रेवल सड़कों में मानकों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में विभाग की प्रत्येक योजना, इसमें प्राप्त बजट, खर्च राशि, लाभांवितों की संख्या, अतिरिक्त बजट की आवश्यकता, योजना क्रियान्वयन में बाधा, नवाचार, के सम्बंध में विस्तार से समीक्षा कर बताया कि बजट की कोई कमी नहीं है, बस प्रत्येक पात्र को योजना का समय पर लाभ मिले। जिले में जो प्रोजेक्ट, निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हैं, उनकी सूची पर समीक्षा की तथा जिन स्वीकृत कार्याे के लिए बजट जारी हो चुका है, उन्हें शीघ्र शुरू करवाकर समय पर पूरे करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने लाइन विभागों द्वारा किये गए किसी भी कार्य का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही भुगतान करने के निर्देश दिये।
राजीव गांधी जल संचय योजना में जिले के 19 कार्यों में बेस रेट से 13 से 62 प्रतिशत कम राशि पर टेंडर खुलने को संदेहास्पद मानते हुए मंत्री महोदय ने इन सभी कार्यों की जॉंच मुख्यालय की टीम से करवाने के निर्देश दिए। पंचायती राजमंत्री ने महात्मा गांधी नरेगा की प्रगति समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र विशेषकर भूमिहीन और लघु-सीमांत किसान के लिये मनरेगा बहुत बड़ा सहारा है। अधिक से अधिक लोगों को इसमें रोजगार दें ताकि उनका अच्छे तरीके से जीवन यापन हो, साथ ही जिले का आधारभूत ढॉचा और सामुदायिक परिसम्पत्तियॉं ज्यादा विकसित हो। श्रमिक को समय पर भुगतान मिले तथा मेट को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर नवीनतम सर्कुलर, निर्देश की जानकारी देते रहें।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव पी.सी. किशन ने प्रपत्र 6 की रसीद वीडीओ, रोजगार सहायक, सरपंच, पंच को उपलब्ध करवाने के साथ ही मनरेगा कार्य स्थल पर भी रखने तथा आवेदक को दिनांकित रसीद देने के निर्देश दिये। इसके 15 दिवस के भीतर आवेदक को काम नहीं मिला तो मजदूरी राशि 221 रू का 25 प्रतिशत बेरोजगारी भत्ते के रूप में दें। समय पर श्रम भुगतान के बिन्दु में मलारना डूंगर पंचायत समिति में सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने राजीविका में वन क्लस्टर-वन प्रोडक्ट को लागू करने, क्रेडिट लिंकेज, प्रशिक्षण, विपणन में नवाचार करने के निर्देश दिए। जल संग्रहण के निदेशक आशीष गुप्ता ने निर्देश दिए कि तालाब खुदाई व अन्य जल संग्रहण कार्यों से निकाली मिट्टी उचित स्थान पर डलवाएं अन्यथा मानसून में यह पुनः वहीं आ जाएगी जिससे जल संग्रहण में बाधा होगी।
जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रत्येक विकास प्रोजेक्ट, सार्वजनिक और व्यक्तिगत लाभ के कार्य, फ्लैगशिप योजना में वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति की समय पर सूचना सभी जनप्रतिनिधियों को देने के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिये विभागवार या ब्लॉकवार व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जा रहे हैं ताकि जनप्रतिनिधि आमजन को योजना का लाभ लेने के लिये सेंसटाइज करें, जनभागीदारी बढ़ाने का प्रयास करें, मॉनिटरिंग कर गुणवत्ता और समय सीमा की पालना को सुनिश्चित करवाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास कार्य के बजट, कार्य पूर्ण होने की निर्धारित तिथि, गारंटी अवधि का बोर्ड भी कार्य स्थल पर लगवाएं।
जिला कलेक्टर ने सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि विकास कार्य और व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के संचालन में स्थानीय राजनीति को आडे न आने दें। विभिन्न राजकीय भवनों के लिये भूमि आवंटन, खाद्य सुरक्षा में नाम काटने-जोड़ने, पीएम आवास जैसे मामलों में न्याय और आपसी सहमति के आधार पर सौहार्द से निर्णय करवाएं। जिला परिषद सीईओ अभिषेक खन्ना ने विभाग की सभी योजनाओं में लक्ष्य और प्रगति के सम्बंध में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। बैठक में जिला प्रमुख सुदामा मीना, उप जिला प्रमुख बाबूलाल मीना, मलारना डूंगर प्रधान देवपाल मीना, खंड़ार प्रधान नरेन्द्र चौधरी, डिग्गी प्रसाद मीना, शिवचरन बैरवा सहित विभाग के स्थानीय व जयपुर से आए अधिकारी उपस्थित रहे।