शिक्षक संवर्ग की रुकी हुई पदोन्नतियां जल्द कराने की मांग
राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ ने शिक्षामंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा एवं शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भेजकर विद्यार्थियों के जन आधार ऑथेंटिकेशन कार्य से शिक्षकों को मुक्त कर प्रदेश के शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निराकरण कराए जाने की मांग की है। संघ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाकिर ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह चौहान एवं प्रांतीय महामंत्री राजेश शर्मा ने शिक्षा मंत्री एवं एसीएस शिक्षा को प्रेषित मांग पत्र में लिखा है कि शिक्षा अधिकारी राज्य के शिक्षकों को बालकों के आधार एवं जन आधार ऑथेंटिकेशन के लिए बार बार नोटिस देकर उन्हें मानसिक रुप से प्रताडित कर रहे है।
जबकि बालक के अभिभावक के असहयोग के कारण यह कार्य बाधित हो रहा है ऐसे में संघ का सुझाव है कि आधार एवं जन आधार ऑथेंटिकेशन का कार्य शिक्षकों के स्थान पर पंचायत समितियों को सुपुर्द किया जाए अथवा सीधे अभिभावक को यूनिफॉर्म की सिलाई की राशि हस्तांतरण की कार्यवाही कराई जाए। प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने ज्ञापन के माध्यम से विभाग को अवगत कराया है कि पिछले कई वर्षों से शिक्षक संवर्ग की पदोन्नतियां समय पर नहीं की जा रही है। जिसके चलते शिक्षकों के एक तरफ समय पर प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। वही विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य भी प्रभावित बना हुआ है।
संघ ने सभी संभागों में तृतीय वेतन श्रंखला के साथ सभी श्रेणी के शिक्षकों की पिछले वर्षों की रुकी हुई डीपीसी जल्द कराए जाने, उच्च माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अनुरूप स्टाफिंग पैटर्न शुरू कर शैक्षणिक कार्मिकों के पदों का पुनः निर्धारण कराए जाने, शिविरा पंचांग में तय की गई प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व प्रधानाचार्य की सत्रांन्त वाकपीठ का आयोजन ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक शैक्षिक सत्र में अनिवार्य रूप से आयोजित करने के दिशा निर्देश जारी कराए जाने का अनुरोध किया है। जिलामंत्री राहुल सिंह गुर्जर ने बताया कि संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने सरकार को भेजे ज्ञापन में बताया कि प्रदेश के शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में शिक्षकों की योग्यता अभिवृद्धि, एसीपी स्वीकृति, पेंशन स्वीकृति, अनुकंपा नियुक्ति यहां तक कि वेतन भुगतान में अनावश्यक देरी की जाती है।
वहीं सामाजिक विज्ञान, हिंदी, कृषि, वाणिज्य विषयों से स्नातक तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 25 से 30 साल की सेवा करने के बाद भी वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति नहीं मिल पाती है कनिष्ठ शिक्षक पदोन्नत हो जाते हैं। संगठन ने शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में शिक्षकों के लंबित कार्यों के निस्तारण की समय सीमा निर्धारित कर संबंधित कार्मिकों व कार्यालयों की जवाबदेही तय कराए जाने तथा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदोन्नति के वर्तमान नियमों में बदलाव कर संख्यात्मक अनुपात में इन विषयों के शिक्षकों को पदोन्नति के विशेष अवसर मुहैया कराए जाने की भी मांग रखी है।