राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के आखिरी दिन गहलोत बोले, यात्रा हमारे लिए वरदान
अलवर : मंगलवार को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का आखिरी दिन है। 21 दिसंबर को यात्रा हरियाणा में प्रवेश करेगी। सुबह यात्रा की शुरुआत भगवान महावीर आईआईटी के पास, बुर्जा गांव से हुई। सुबह ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यात्रा में शामिल हुए। आज ज़्यादातर कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ चले। सुबह के सत्र में भारत के पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम एवं शैल मायाराम ने राहुल गांधी के साथ चलते हुए बातचीत की। इस दौरान मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था को लेकर किस तरह की चुनौतियां हैं, इस विषय पर मुख्य रूप से बात हुई। इस दौरान शासन व्यवस्था में विभिन्न चरणों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए स्टेट का हस्तक्षेप कम करने का सुझाव आया। अरविंद ने उदाहरण दिया कि राजस्थान सरकार ने जो एमएसएमई एक्ट लाया है, उसके माध्यम से काफी हद तक इस क्षेत्र में सरकार का हस्तक्षेप कम हुआ है। ऐसे ही कदम बड़े पैमाने पर उठाने की जरूरत है।
दिन में करीब 12:00 बजे कांग्रेस सांसद एवं पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार के चेयरमैन पवन खेड़ा एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जयराम रमेश ने बताया कि आज राजस्थान में यात्रा का आख़िरी दिन है। 16 दिन यात्रा राजस्थान में रही। इस दौरान 6 ज़िलों में 485 किलोमीटर की दूरी कवर की गई। कल सुबह यात्रा हरियाणा में प्रवेश करेगी और 24 दिसंबर की रात को दिल्ली पहुंचेगी। उसके बाद 9 दिनों का ब्रेक होगा। ब्रेक के दौरान कंटेनर्स को पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में पढ़ने वाली कठोर सर्दी के लिए तैयार किया जाएगा। इस दौरान कुछ भारत यात्री घर भी जाना चाहते हैं, जो करीब 4 महीने से यात्रा में हैं। कल हरियाणा में ‘जय जवान दिवस’ मनाया जाएगा। पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत होगी।
23 तारीख़ को ‘जय किसान दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन ज़्यादातर किसान और किसान संगठनों के प्रतिनिधि राहुल गांधी के साथ चलेंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का असर केंद्र की भाजपा सरकार पर दिखने लगा है। पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का प्रधानमंत्री ने दो बार वादा किया था। लेकिन जब गहलोत सरकार ने प्रस्ताव भेजा तब उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर कई चिट्ठियां लिखीं, राजस्थान से राज्यसभा सांसद ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा था। अब जाकर उन्होंने कहा है कि इस पर वे सोचेंगे। यह भारत जोड़ो यात्रा का बड़ा असर है।
वे समझ गए कि अगर इस मामले में कुछ नहीं करेंगे तो राजस्थान और खासकर के पूर्वी राजस्थान में उनकी बड़ी आलोचना होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने एनडीए सरकार को हिला कर रख दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह घबरा गए हैं। नड्डा साहब और बीजेपी वाले विचलित हो गए हैं। अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि इन्होंने मीडिया पर दबाव बनाया है, जिस वजह से यात्रा से जुड़ी ख़बरें दिल्ली की मीडिया नहीं दिखा रहा है। यह यात्रा सामाजिक सरोकार के लिए है।
महंगाई, बेरोज़गारी और नॉन वायलेंस की बात करते हुए राहुल गांधी निकल पड़े हैं। लोगों का ज़बरदस्त समर्थन यात्रा को मिल रहा है। यात्रा 3 बजे शुरू होने वाली होती है, फिर भी लोग 12 बजे से ही आकर लाइन में खड़े हो जाते हैं। ये यात्रा के संदेश को दिखाता है।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के लिए वरदान साबित हुई है। यात्रा का जो उद्देश्य है, महंगाई से लोगों को राहत दिलाना, उसी हिसाब से राजस्थान की सरकार भी काम कर रही है। हमने 500 में गैस सिलेंडर देने का वादा किया।
चिरंजीवी, पेंशन, शहरी मनरेगा, उड़ान एवं पुरानी पेंशन योजना का ज़िक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि इनसे लोगों को महंगाई से राहत मिली है। हम इन योजनाओं को आधार बनाएंगे और आने वाले बजट में इनमें जो कमियां हैं उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि योजनाएं बनाना और उनका सफल क्रियान्वयन, दोनों दो तरह की चीजें होती हैं। ये 5 योजनाएं सफल हुई हैं। सामाजिक सुरक्षा का हमने जो थीम रखा है, वो आगे भी चलता रहेगा। राजस्थान सरकार जल्द ही ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप के माध्यम से काम कर रहे गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी एक स्कीम बनाएगी, ताकि कंपनियां इनके साथ मनमानी ना कर सकें। ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य होगा। बीजेपी पर हमला बोलते हुए गहलोत ने कहा कि वह किसानों की कर्ज़ माफी को लेकर भ्रम फैलाते हैं। हम उनसे कहना चाहते हैं कि झूठ बोलना छोड़ो। झूठ बोलना पाप है, एक पुरानी कहावत है।
इसके बाद उन्होंने कुछ आंकड़े रखे, जिसमें किसानों के लाखों रुपए की कर्ज़ माफी हुई है। गहलोत ने आगे कहा कि करोना कि दौरान हमारी सरकार ने लाखों लोगों की मदद की। कोई भूखा ना सोए, यह हमारा प्रयास था। अब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने भी यही निर्णय दिया है कि कोई भूखा ना सोए, सरकार यह सुनिश्चित करें। गहलोत ने आगे कहा कि यात्रा के दौरान जो मुद्दे सामने आए हैं हम उन पर भी काम करेंगे। राहुल गांधी ने अंग्रेजी स्कूलों की संख्या बढ़ाने को कहा है। हम पूरे राजस्थान में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का जाल बिछा देंगे। यात्रा के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए गहलोत ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का वोट की राजनीति से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन राजनीति में हम धरना प्रदर्शन भी करते हैं तो उसका एक मैसेज होता है। इस यात्रा का भी एक संदेश है। राहुल गांधी यात्रा के माध्यम से अपना संदेश देने में सफल हुए हैं। यात्रा के दौरान हजारों वैसे लोग आए जिन्हें इसके थीम से प्यार है। लोगों का मानना है कि बेरोज़गारी, महंगाई कम होनी चाहिए, अहिंसा की राह पर चलना चाहिए, संविधान बचेगा तो देश बचेगा।
एजेंसियों के दुरुपयोग पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि पहले एजेंसियों पर सिर्फ दबाव था, अब उन्हें डर लगता है। चुनाव से पहले कहां-कहां छापेमारी करनी है, ऊपर से लिस्ट दी जाती है। विपक्षी पार्टियों को जो चंदा देने वाले लोग होते हैं उन्हें चिन्हित करके डराया जाता है। आज एकतरफा खेल चल रहा है। इसे देश को और देशवासियों को समझना होगा। अगर नहीं समझेंगे तो तकलीफ़ में आएंगे। डेमोक्रेसी का सुरक्षित रहना बहुत जरूरी है। कांग्रेस ने इसकी रक्षा की है। ‘लोग क्या कहेंगे’ कांग्रेस इस आधार पर सरकार चलाती थी। हमारे समय में मुख्यमंत्रियों के इस्तीफ़े हुए, रेल मंत्री के इस्तीफ़े हुए, लेकिन क्या आपने कभी भाजपा की सरकार में सुना है कि किसी का इस्तीफ़ा हुआ। दोपहर में राहुल गांधी ने दो समूहों के साथ मुलाकात की। पहले समूह ने मुख्य रूप से मेवात के इतिहास और यहां की संस्कृति को लेकर बात की। दूसरे समूह ने खनन के कारण अरावली में पड़ने वाले प्रभावों पर बात की।
वहां उपस्थित प्रतिनिधियों ने मेवात में शिक्षा एवं संस्कृति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। लड़कियों की शिक्षा का विशेष रूप से मुद्दा उठा। वहीं अरावली में माइनिंग की समस्या को लेकर कई बातें सामने आई। बसावट और आबादी के पास क्रेशर लगाने का मुद्दा भी उठा। राहुल गांधी ने सभी की बातें गंभीरता पूर्वक सुनी और पास बैठे मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान सामने आई समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट आने वाला है। हम सभी प्रतिनिधियों से एक बार फिर बैठकर चर्चा करेंगे और कोशिश करेंगे ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का समाधान हो सके। शाम के सत्र में यात्रा अलवर के बगड़ तिराया से शुरू हुई और रामगढ़ में समाप्त हुई। इस दौरान सड़कों के दोनों तरफ स्थानीय लोगों की जबरदस्त भीड़ थी। राज्य में यात्रा के आख़िरी दिन सभी इसे देखने के लिए उत्साहित दिखे।