“भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम के तहत कलेक्टर ने विद्यार्थियों को दिये कैरियर गाईडेन्स के टिप्स
“भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम के तहत शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय सवाई माधोपुर के उत्तरी परिसर में जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने आज शनिवार को छात्रों से मुखातिब होकर कैरियर निर्माण पर चर्चा की। इस दौरान जिला कलेक्टर ओला ने प्रतियोगी परीक्षाओं एवं अन्य परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्रों के साथ संवाद कर कैरियर गाईडेन्स के संबंध मे जानकारी दी। जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने “भविष्य की उड़ान” संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के दौरान थकान महसूस हो तो गांव में सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक लगातार 17 घण्टे तुम्हारे लिए मेहनत करने वाले माता-पिता, दादा – दादी को एक बार याद कर लेना जीवन में कभी थकान महसूस नहीं होगी और जिस दिन सफलता हासिल करके अपनी मातृभूमि और माता-पिता के पास जाओगे तो उस दिन उनकी आंखों में जो गर्व और खुशी के आंसू होंगे ये सपना अपने मन मस्तिष्क में संजोये रखना।
यदि इस तरीके से मेहनत की जाये तो भगवान भी तुम्हे सफल होने से नहीं रोक सकता। उन्होंने ग्रामीण परिवेश के बच्चों से कहा कि हमे सफल बनाने के लिये हमारे माता-पिता रोज खेती एवं पशुपालन में 15 से 16 घण्टे मेहनत करते हैं, इस सपने के साथ कि एक दिन मेरा बेटा-बेटी जरूर सफल होंगे। हमे उनके अरमानों को पूरा करने के लिए जी जान से कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सदैव आपके साथ खड़ा है आने वाले समय में पूरे जिले भर में 20 पुस्कालय प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी हेतु खोले जाएंगे। कलेक्टर ने सभी सर्वसमाज व धर्मवासियों को इस मुहीम में जुटने की अपील की है, ताकि हमारे जिले को राज्य में एक नई पहचान मिल सके। जिला कलेक्टर ओला ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के 5 चरण बताए। सर्वप्रथम हमे हमारा लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए।
लक्ष्य निर्धारित करने के पश्चात संसाधन जुटाने पर मेहनत करनी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है समय जिसकी कोई कीमत नहीं है और इसके पश्चात प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तके एवं कोचिंग है। हमें सतत् मेहनत करनी चाहिए और तैयारियों की एक डायरी बनाकर उसमें ईमानदारी से हमारी साप्ताहिक प्रगति दर्ज करनी चाहिए और पूर्ण ईमानदारी से अवलोकन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम खुद के प्रति ईमानदार नहीं है तो हम अपने माता-पिता को धोखा दे रहे है। पूरे प्रयास से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें एवं परीक्षा के आधार पर अपनी कमियों को पहचान कर पूरे मनोयोग से तैयारी में जुट जाए। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलेगी कोई हमे रोक नहीं सकता।
जिला कलेक्टर ओला ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कैरियर जीवन में एक ऐसा महत्वपूर्ण विषय है जिसका सही चुनाव करना बहुत ही जरूरी है। सही कैरियर मार्गदर्शन से ही आप अपने इच्छा अनुसार कैरियर के बारे में जान सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि क्या वह व्यवसाय या कैरियर आपके लिए सही है या नहीं। गलत कैरियर मार्गदर्शन से जीवन बर्बाद हो सकता है। व्यक्ति के जीवन में व्यवसाय ही ऐसा विकल्प है जिसके माध्यम से अत्यधिक ज्ञान के साथ-साथ वह पैसे कमा सकता है और अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने छात्रों से डे-टू-डे अच्छी आदते और अच्छी बाते एक डायरी बनाकर नोट करने तथा समय निकालकर उनका अवलोकन करने की बात कही। साथ ही उन्होंने उपस्थित छात्रों से समय को वेस्ट नहीं होने देने और इसका सद्उपयोग करने की बात कही।
जिला कलेक्टर ओला ने संवाद कार्यक्रम में छात्रों से कहा कि वही कैरियर सही है जो आपके दिल को सुकून दे। कैरियर में सफल होना है तो अपने मन व स्वयं पर भरोसा रखना बहुत जरूरी है। आपके लिए सही कैरियर का चुनाव आप और आपका ज्ञान स्वयं है। आपको वही कैरियर भायेगा जिसके विषय में आपको अच्छा ज्ञान है और जिस क्षेत्र में आपको ज्यादा जानकारी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुश्किल हो और कुछ समझ में नहीं आए तो शिक्षित और बड़े लोगों से पूछने में अपने आपको छोटा ना समझें, बल्कि जितना हो सके अपने गुरुओं, परिवार के लोगों या मित्रों की मदद लें। कैरियर के विषय में आप जितना ज्ञान बटोरेंगे उतनी ही सफलता आपका कैरियर आपको प्रदान करेगा। यह कदापि न सोचें कि ग्रेजुएशन कम्पलीट करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में सोचेंगे।
सच तो यही है कि तब तक आपको बहुत देर हो चुकी होगी। सफलता एक दिन में नहीं मिलती यह कीमत मांगती है। जिला कलेक्टर ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जो बच्चे प्रातः उठकर तैयारी करते हैं उनका सफलता प्रतिशत अधिक रहता है। वह उन बच्चों से कहीं आगे निकल जाते हैं जो 10 बजे बाद उठते हैं। जीवन में अचानक कुछ नहीं मिलता। उसे पाने के लिए सतत प्रयास जरूरी है और चीजों को देखने का नजरियां भी महत्वपूर्ण है। सकारात्मक भाव से देखने की आदत बनाएं। प्रतिदिन स्वयं को लक्ष्य देवें एवं उनका विश्लेषण भी करें। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर डॉ. सूरज सिंह नेगी, प्राचार्य ओपी शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।