जयपुर: राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि की अध्यक्षता में गत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत आपूर्ति की जाने वाली समस्त औषधियों, सर्जिकल्स एवं सूचर्स तथा उपकरणों के सुगम उपापन एवं संचालन के उद्देश्य से समस्त स्टेक होल्डर के साथ बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में गिरि ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि औषधियों, सर्जिकल्स एवं सूचर्स की मांग एवं खपत का सही आकलन कर निगम को अवगत कराया जाए, जिससे औषधि की कमी एवं अवधिपार होने की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा कि औषधियों, सर्जिकल्स एवं सूचर्स की मांग एवं खपत का आकलन करने हेतु ई-औषधि सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक आधार पर नवीन प्रणाली विकसित कि जाए।
प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में औषधियों के अवधिपार होने की स्थिति की सघन मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए राज्य स्तर पर सघन अभियान चलाते हुए प्रत्येक जिले का निरीक्षण किया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली महंगी दवाओं की खपत का रोगीवार विवरण का परीक्षण करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान में स्थापित दवा वितरण केन्द्र हेतु औषधियों का फास्ट एवं स्लो मूविंग आधार पर वर्गीकरण कर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गुणवत्ता परीक्षण में लगने वाले समय का इन्द्राज भी ई-औषधि सॉफ्टवेयर में किया जाए। गिरि ने निर्देश दिए कि हैल्थ एवं वैलनेस सब-सेन्टर को ई-औषधि सॉफ्टवेयर से मेप कराया जाए। साथ ही, निगम द्वारा नॉन ईडीएल श्रेणी की औषधियों तथा उपकरणों के उपापन किये जाने से पूर्व इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भिजवाने तथा उपकरणों के क्रय आदेश जारी करने से पूर्व इनकी इंस्टालेशन एवं ऑपरेशनलाइजेशन से संबंधित सम्पूर्ण कार्यवाही समयबद्व तरीके से पूर्ण की जाए।