नर सेवा, नारायण पूजा – निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम की स्वैच्छिक सेवा का विधिवत शुभारंभ आज सोमवार संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा की पावन धरा पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राज पिता रमित जी के कर कमल द्वारा किया गया। इस वर्ष का वार्षिक निरंकारी संत समागम दिनांक 28, 29 एवं 30 अक्तूबर, 2023 को आयोजित होने जा रहा है। इस अवसर पर सवाई माधोपुर से भी सेवादार भाई बहन पहुंचे और उन्होंने वहां सेवा देते हुए सद्गुरु माता जी के पावन दर्शन से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर संत निरंकारी मंडल कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी मौजूद थे। सेवा के इस सुअवसर पर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए सतगुरु माता जी ने कहा कि सेवा केवल तन से न होकर जब सच्चे मन से की जाती है तभी वह सार्थक कहलाती है। सेवा वही सर्वोत्तम होती है जो निःस्वार्थ एवं निष्काम भाव से की जाये।
सतगुरु माता जी ने सेवा भाव के महत्व को बताते हुए कहा कि ब्रह्मज्ञान का बोध होने के उपरांत ही हमारे अंतर्मन में ‘नर सेवा, नारायण पूजा’ का भाव उत्पन्न होता है, तब हम प्रत्येक मानव में इस निरंकार प्रभु का ही अक्स देखते है।सतगुरु माता जी ने सेवा की सार्थकता को बताते हुए आह्वान् दिया कि निरंकारी मिशन का प्रत्येक श्रद्धालु भक्त यहां पर प्राप्त होने वाली सिखलाईयों से निरंतर प्रेरणा लें और एक सुंदर समाज के नव निर्माण में सहयोग दें। निस्वार्थ सेवा ही सर्वोत्तम भक्ति का एक सरल माध्यम है इसलिए वह सेवा के किसी भी अवसर को व्यर्थ नहीं जाने देते हैं और नर सेवा नारायण सेवा के सुंदर भाव को चरितार्थ करते हुए उसे प्राथमिकता देते हैं।